युवा हिंदी लेखक संघ ने उर्दू विभाग, जम्मू विश्वविद्यालय के प्रो ज्ञानचंद सभागार में कवि- कथाकार, 'धरती' के संपादक शैलेन्द्र चौहान की नई कृति पाँव जमीन पर के लोकार्पण समारोह का आयोजन किया. वरिष्ठ प्रगतिशील कथाकार पुन्नी सिंह, आगरा ने पुस्तक के ग्राम्य जीवन केन्द्रित कथा रिपोर्ताजों का विश्लेषण करते हुए कहा कि लेखक ने उत्तर भारतीय ग्रामीण जीवन का सफल चित्रण किया है. प्रेमचंदोत्तर भारतीय किसान जीवन और ग्रामीण परिवेश पर लेखक की पैनी दृष्टि है. जालंधर के कवि-समीक्षक मोहन सपरा ने ग्राम्य जीवन के चर्चित लेखको का जिक्र करते हुए कहा कि शैलेन्द्र चौहान ने लोक जीवन की उल्लासपूर्ण एवं मार्मिक छवियाँ अंकित की हैं. शैलेन्द्र चौहान ने अपनी कृति के बारे में कहा कि बहुसंख्यक ग्रामीण भारत के अभाव और उपेक्षा से भरे जीवन को उन्होंने इस पुस्तक में रेखांकित करने का प्रयास किया है. शहरी जिंदगी के चकाचौंध के बरक्स देहाती जीवन का अँधेरा-उजाला सामने लाने की कोशिश की गई है. युवा कवि कमलजीत चौधरी ने ग्राम्य जीवन के हिंदी कथाकारों के सन्दर्भ में तुलनात्मक ब्यौरे देते हुए कहा की हमारे समय का यथार्थ यहाँ बखूबी दर्ज है. भाषिक गठन की दृष्टि से कृति उल्लेखनीय है.
बनारस के समीक्षक वाचस्पति ने कहा कि जब किसान हाशिये से भी धकेले जा रहे हों तब यह स्मृति लेखा ग्रामीण जीवन पर सही कोण से फोकस करता है. साधारण चरित्रों में छिपी असाधारणता राहुल सांकृत्यायन की 'जिनका मैं कृतज्ञ' की याद दिलाती है. युवा हिंदी लेखक संघ जम्मू के प्रधान शेख़ मोहम्मद कल्याण ने संस्था का परिचय देते हुए अथितियों का स्वागत किया.
अमिता मेहता ने कार्यक्रम का संचालन किया और डा. अशोक कुमार ने धन्यवाद दिया. समारोह में जम्मू एवं निकटवर्ती क्षेत्र के बुद्धिजीवियों की उल्लेखनीय उपस्थिति रही.
शेख़ मोहम्मद कल्याण
505/2, नरवाल, पाई, सतवारी, जम्मू-180003
मोबाईल :09906235832
आभार...
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