शमशिरो पे गर्दन रख दी आजादी की अंधयारो में
भारत माँ चीत्कार रही हे सत्ता के गल्यारो में
भूखा श्रम हे भूखी धरती भूखा बैठा किसान हे
सोना उगलती भूमि को किया जालिमो ने वीरान हे
विकास के नाम पे लूट मची हे भ्रस्त हुआ प्रधान हे
भूमि बेच कर किसान बैठा दुखी होकर मेंखाने में
शमशिरो पे गर्दन रख दी आजादी की अंधयारो में
भारत माँ चीत्कार रही हे सत्ता के गल्यारो में ||
भ्रस्टआचार सदाचार हुवा हे बेईमानी हुई जवान हे
लोकतंत्र घायल हुवा हे हिटलर हुवा दीवान हे
रास्ट्र वादी विदेशी हुवा हे विदेसी बने प्रधान हे
देश भक्तो पे डंडे बरसाए रात के अंधयारो में
शमशिरो पे गर्दन रख दी आजादी की अंधयारो में
भारत माँ चीत्कार रही हे सत्ता के गल्यारो में ||
सीमा पे शहीद हो रहे भारत माँ के जवान हे
कारागर में बिरयानी खाता आतंकवादी शेतान हे
भ्रष्ट नेताओ के बल पर ही मेरा भारत महान हे
दुश्मन घुस कर बैठ रहा हे भारत की सीमाओं में ,
शमशिरो पे गर्दन रख दी आजादी की अंधयारो में
भारत माँ चीत्कार रही हे सत्ता के गल्यारो में ||
