उदयपुर २ सितम्बर ,2011
सार्वजनिक जीवन, सरकारी सेवा एवं उद्योग संचालन, प्रत्येक स्तर पर नैतिक मूल्य, पारदर्शिता तथा ईमानदारी आवश्यक है। इन तीनों क्षेत्रों के लिए डॉ. पी.एल. अग्रवाल का जीवन अनुकरणीय एवं आदर्श है। यह विचार स्टीलमेन, भारतीय इस्पात प्राधिकरण के पूर्व अध्यक्ष, वरिष्ठ सामंजिक चिन्तक डॉ.पी.एल. अग्रवाल की प्रथम पुण्य तिथि पर आयोजित श्रृद्धांजली सभा में उभरे।
डॉ. पी.एल. अग्रवाल सेवा मंदिर, डॉ. मोहनसिंह मेहता मेमोरियल ट्रस्ट, झील संरक्षण समिति, विद्याभवन वरिष्ठ नागरिक मंच, सहित विभिन्न संस्थाओं से जुडे रहे तथा भारत में स्टील उद्योग सहित उदयपुर के विकास में उनकी महती भूमिका रही। सभा में सेवा मंदिर की मुख्य संचालिका प्रियंका सिंह तथा विद्याभवन पंचायती राज संस्थान के उपनिदेशक हेमराज भाटी ने कहा कि डॉ. अग्रवाल समय के पांबद थे तथा गरीबों आदिवासियों व पिछडो के उत्थान के लिए निरन्तर कार्य करते रहे।
झील संरक्षण समिति के अनिल मेहता ने डॉ. अग्रवाल द्वारा राष्ट्रीय झील संरक्षण योजना की स्वीकृति, सिवरेज निवारण व प्रणाली की योजना निर्माण, जलकुम्भी नियंत्रण तथा झील विकास प्राधिकरण की स्थापना के लिए किए गए प्रयासों को रेखांकित किया। मेहता ने डॉ. अग्रवाल को देश में औद्योगिक क्रान्ति का सूत्रपात्र करने वाला अग्रणी व्यक्ति बताया। शिक्षाविद् सुशील दशोरा तथा वरिष्ठ नागरिक सोहनलाल तम्बोली सहित बी.एन. कूकड़ा ने कहा कि डॉ. अग्रवाल गांधीजी के आदर्शो के वाहक थे।