लखनऊ, 28 सितम्बर,2011
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गुरुशरण सिंह फोटो साभार |
देश के मशहूर नाटककार व रंगकर्मी गुरुशरण सिंह का आज निघन हो गया। वे 82 साल के थे तथा काफी अरसे से बीमार थे। उनके निधन पर जन संस्कृति मंच ने गहरा शोक प्रकट किया है और कहा है कि उनके निधन से हमने क्रान्तिकारी संस्कृतिकर्मी खो दिया है। जसम के संयोजक कौशल किशोर ने अपनी शोक संवेदना प्रकट करते हुए कहा कि वे सच्चे मायने में भगत सिंह के विचारों और उनकी परम्परा के नाटककार थे। भगत सिंह के जीवन और उनके विचारों पर लिखा उनका नाटक ‘इंकलाब जिंदाबाद’ ने भगत सिंह के विचारों को फैलाने का काम किया।
कौशल किशोर ने कहा कि सीमेंट टेक्नालाजी में एम0 एस सी0 करने के बाद वे भाखड़ा बांध की प्रयोगशाला में काम करते हुए वहां के मजदूर आंदोलन से जुड़ गये। मजदूरों के लिए नाटक लिखे। उनके बीच नाटक किये। वे पंजाब के क्रान्तिकारी आंदोलनों से भी जुड़े गये। उन्हें जेल भी जाना पड़ा। सरकारी आतंकवाद के साथ साथ उन्होंने सिख आतंकवाद के खिलाफ भी संघर्ष किया। आतंकवादियों की धमकियों के आगे वे कभी झुके नहीं। पंजाब के आतंकवाद के खिलाफ उन्होंने ‘बाबा बोलता है’ नाटक लिखा। अमृतसर नाट्य कला केन्द का गठन किया। उन्होंने पंजाबी साहित्य की मासिक पत्रिका ‘समता’ का प्रकाशन भी किया।
कौशल किशोर ने उनके साथ की अपनी पुरानी यादों को ताजा करते हुए कहा कि जब अस्सी के दशक में हमलोग जन संस्कृति मंच का गठन कर रहे थे, वे न सिर्फ इस मंच के साथ जुड़ गये बल्कि वे हमारे मंच के पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष भी चुने गये। इंडियन पीपुल्स फ्रंट जैसे क्रान्तिकारी संगठनों के साथ भी उनका गहरा लगाव था। जसम के अध्यक्ष के रूप में अस्सी के दशक मे अपनी टीमं के साथ उन्होंने उत्तर प्रदेश व बिहार का दौरा किया। इसी क्रम में वे कई बार लखनऊ भी आये। उन्होंने लखनऊ की सड़को व नुक्कड़ों पर ‘गड्ढा’, ‘जंगीराम की हवेली’, ‘इंकलाब जिंदाबाद’ और फैज व जगमोहन जोशी के गीतों के द्वारा जो सांस्कृतिक लहर पैदा की, वह आज भी लागों को याद है। वे वास्तव में ऐसे संस्कृतिकर्मी थे जिनका सपना जनता के हिन्दुस्तान का निर्माण करना था। उनके निधन से हमने जन सांस्कृतिक आंदोलन का सच्चा योद्धा खो दिया है।
कौशल किशोर,जन संस्कृति मंच,लखनऊ के संयोजक हैं.लखनऊ-कवि,लेखक के होने साथ ही जाने माने संस्कर्तिकर्मी हैं.
एफ - 3144, राजाजीपुरम, लखनऊ - 226017
मो - 08400208031, 09807519227
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