उदयपुर

विद्याभवन महात्मा गांधी शिक्षक प्रशिक्षण के निदेशक प्रो. एम.पी. शर्मा ने उच्च शिक्षा में विजन की जरूरत बतलाते हुये शिक्षण प्रशिक्षण के क्षैत्र में हो रहे शोध पर चिन्ता व्यक्त की। प्रो. शर्मा ने कहा कि विश्वविद्यालयों में शिक्षा और शिक्षण का स्तर गंभीर हालत में है। शिक्षा विद प्रो. एस.बी.लाल ने कहा कि विश्व विद्यालयों को संवाद का केन्द्र होना चाहिये। प्रो.लाल ने उच्च शिक्षा व्यवस्था का आंकलन करते हुये शोध प्रशाषन और विस्तार सेवाओं में थिंकटेंक की आवश्यकता पर बल दिया। वास्तुकार बी.एल. मंत्री ने तकनीकि शिक्षा की व्यवस्था पर चिन्ता प्रकट करते हुये उसमें आमूल सुधार आवश्यकता बतलाई सामाजिक कार्यकर्ता शान्तीलाल भण्डारी एंव डा.बी.एल. कूकडा ने मूल्य नीष्ठ उच्च शिक्षा की वकालत करते हुये विश्व विद्यालयों को स्वायत्ता देने की बात की। गांधीवादी डा. सुशील दशोरा तथा पर्यावरण विद् मन्नाराम डांगी ने शिक्षा के व्यावसायिकरण पर शोक प्रकट करते हुये सम्पूर्ण शिक्षा व्यवस्था में ही परिवर्तन की आवश्यकता बतलाई।
स्वागत करते हुये ट्रस्ट सचिव नन्द किशोर शर्मा ने उच्च शिक्षा की वर्तमान चुनौतियों पर प्रकाश डाला।संवाद में सोहनलाल तम्बोली, एम.एम.खान, एम.एस. राणावत, तेजशंकर पालीवाल, एडवोकेट प्रभुलाल बुनकर मोहम्मद जावेद आदि ने भाग लिया। धन्यवाद नितेश सिंह कच्छावा ने ज्ञापित किया।
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