चित्तौड़गढ़ नगर में साल दो हज़ार दो -तीन में पंजीकृत साहित्यिक और सांस्कृतिक संस्थान 'संभावना' नगर में सालों से संगोष्ठियाँ आयोजित कर रहा है.शहर में कभी आज के युवा आलोचक और हिन्दू कोलेज में हिन्दी के सहायक आचार्य पल्लव पाठक मंच के गोष्ठियों का संयोजन करते रहे.बाद में उन्होंने साथियों के साथ मिलकर इस संस्थान का गठन किया.पाठकीयता के विकास में इस संस्थान ने चित्तौड़ में अपने ढंग से काफी सद्प्रयास किये हैं. यदा-कदा नगर में आने वाले नामचीन रचनाकारों के साथ संगत के अवसर भी इस संस्थान ने घड़े हैं.संस्थान के संरक्षक जाने-माने स्वतन्त्रता सेनानी रामचंद्र नंदवाना,अध्यक्ष नगर के समाजशात्री और कोलेज शिक्षा में प्राचार्य पद से सेवानिवृत हुए डॉ.के.सी.शर्मा हैं.कोषाधिकारी संतोष शर्मा और प्रबंध सम्पादक डॉ. कनक जैन हैं. इसके शुरुआती सदस्यों में अध्यापक श्रीमती सतबीर कौर,माणिक,प्रवीण कुमार जोशी,आकाशवाणी के प्रोग्राम ऑफिसर लक्ष्मण व्यास,युवा सिनेमा समीक्षक मिहिर,मोहम्मद नीम हम्फी सहयोगी रहे हैं.
इस संस्थान का पंजीकृत कार्यालय म-१६,कुम्भा नगर,चित्तौडगढ है.मगर सम्पादकीय/संयोजकीय पता
सम्पादक
बनास जन
फ्लेट न. 393 डी.डी.ए.
ब्लाक सी एंड डी
कनिष्क अपार्टमेन्ट
शालीमार बाग़
नई दिल्ली-110088
08800107067
इस संस्थान द्वारा 'बनास' लघु पत्रिका निकाली जाती है.हाँ वही पत्रिका
जिसके पिछले
दो अंक
बहुत चर्चित
रहे.पहले
में जानेमाने
कथाकार साठ
पार स्वयं
प्रकाश पर
और दूजे
में हाल
के केन्द्रीय
साहित्य अकादेमी
सम्मान से
नवाजे गए
काशीनाथ सिंह
की कृति
काशी का
अस्सी पर
अंक निकले
हैं.मूल
रूप में
ये पत्रिका
हाल तक
अनियतकालीन ही है.मगर साल
में एक
अंक तो
निकलता ही
रहा है.नए नाम
-'बनास जन'
रखा है.जिसकी पंजीकरण संख्या ISSN 2231-6558 है.ये एक नियतकालीन और अव्यावसायिक प्रकाशन है.
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