पुनर्वाचन का लोकार्पण
“यह पंकज पराशर की कथालोचना की पुस्तक है। इसमें उन्होंने दस कहानियों और एक उपन्यास पर ठहरकर विचार किया है। किशोरीलाल गोस्वामी की कहानी ‘गुल-बहार’ से लेकर पंकज मित्र की कहानी ‘क्विज़मास्टर’ तक लगभग सौ वर्ष की कहानी यात्रा को इस पुस्तक में दर्ज में किया गया है।”
-डॉ. विश्वनाथ त्रिपाठी (वरिष्ठ आलोचक)
युवा आलोचक पंकज पराशर (सहायक प्राध्यापक, हिंदी विभाग, ए.एम.यू.) की सद्यः प्रकाशित पुस्तक पुनर्वाचन का लोकार्पण सह पुस्तक-चर्चा में आप सादर आमंत्रित हैं-
स्थानः कमिटी रूम, भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अध्ययन संस्थान, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली-110067
समयः सुबह 11.00 बजे
दिनांकः 03 नवंबर, 2012 (शनिवार)
कार्यक्रम के अध्यक्षः प्रोफेसर नामवर सिंह
मुख्य अतिथिः प्रोफेसर रामबक्ष (अध्यक्ष, भारतीय भाषा केंद्र, जे.एन.यू., दिल्ली)
विशिष्ट अतिथिः वीरेन्द्र कुमार बरनवाल
वक्तागणः डॉ.विश्वनाथ त्रिपाठी, पंकज विष्ट, गोपाल प्रधान, वैभव सिंह एवं आनंद पाण्डेय।
पुस्तक पर आलेख पाठः युवा आलोचक पल्लव (सहायक प्राध्यापक, हिंदू कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय)।
संचालनः डॉ. शंभुनाथ तिवारी, एसोशिएट प्रोफेसर, हिंदी विभाग, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, अलीगढ़ करेंगे।
निवेदक
‘बनास जन ’ एवं
भारतीय भाषा केंद्र, JNU, नई दिल्ली
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