साहित्य की त्रैमासिक पत्रिका
'लमही' का नया अंक आंशिक रूप में
'कथाकार मनीषा कुलश्रेष्ठ' पर केन्द्रित है
इस अंक के बारे में हमारे साथी डॉ ओम निश्चल
ने फेसबुक पर बताया कि
‘लमही’ के प्रधान संपादक विजय राय की सूचना के अनुसार पत्रिका प्रकाशित होकर आ गयी है।
जनवरी-मार्च 2013 के इस अंक में
कथाकार मनीषा कुलश्रेष्ठ के कृतित्व के मूल्यांकन पर विशेष सामग्री है।
लमही का जनवरी-मार्च 2013 अंक अब इंटरनेट पर उपलब्ध है ।
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उनकी कहानियों पर अजय वर्मा, ज्योतिष जोशी और करुणा शर्मा के आलेख हैं
तो उपन्यासों पर पंकज शर्मा और अमिता पांडेय के लेख हैं।
उनसे बातचीत की है कथाकार विवेक मिश्र ने।
2012 की कविता,कहानी और औपन्यासिक परिदृश्य पर पड़तालपरक विवेचन हैं तो
संजीव बक्षी की कविताओं के साथ उनसे एक लंबा इंटरव्यू।
कुँवर नारायण की कविताओं के साथ उनकी एक कविता पर आलोचक विजय कुमार का आलेख,
जरूरी पुस्तकों पर समीक्षाऍं और महत्वपूर्ण कहानीकारों व कवियों की कहानियॉं और कविताऍं भी।
लमही की अंतर्वस्तु इस बार हलचल से भरी है।
सदस्यता हेतु संपर्क
संपादक
विजय राय,
3/343, विवेक खंड, गोमती नगर,
लखनऊ-226010(फोन:9454501011)
ईमेल-vijairai.lamahi@gmail..com
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