tag:blogger.com,1999:blog-5853620981665233836.post1349406448208404168..comments2024-03-25T11:26:27.348+05:30Comments on अपनी माटी: माणिक की आदिवासी विषयक छ: कवितायेँ Gunwant http://www.blogger.com/profile/11902535333148574269noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-5853620981665233836.post-16511095178217050892013-02-25T14:26:16.552+05:302013-02-25T14:26:16.552+05:30इस देश के सबसे उपेक्षित और तिरष्कृत शख्स की इतनी व...इस देश के सबसे उपेक्षित और तिरष्कृत शख्स की इतनी वास्तविक तस्वीर पेंट करने के लिए आपको सलाम !आप मामूली मानव की देनंदिनी पीड़ा को पुर असर तरीके से बयां करने वाले गेर मामूली शख्स हे ! मेरी शुभकामनाये !Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/16357358334063236106noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5853620981665233836.post-16283522195774182232013-01-22T16:28:13.652+05:302013-01-22T16:28:13.652+05:30आपने एक सार्थक टिप्पणी के रूप में ज़रूरी आंकलन किय...आपने एक सार्थक टिप्पणी के रूप में ज़रूरी आंकलन किया है समाज का।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/00514434800240496727noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5853620981665233836.post-74808575773413216132013-01-22T12:40:06.252+05:302013-01-22T12:40:06.252+05:30सब रचनाएँ उम्दा है ,आज कल बहुत लिखा जाता है उन लोग...सब रचनाएँ उम्दा है ,आज कल बहुत लिखा जाता है उन लोगों पर जो असहाय है जरूरत मंद है ,पर कोई आगे बढ़ कर आगे नहीं आता इन की मदद को ये हमारे समाज का दोहरा चरित्र है जो की इन लोगों और हमारे बीच की खाई को और गहरा करता जा रहा है avanti singhhttps://www.blogger.com/profile/05644003040733538498noreply@blogger.com