tag:blogger.com,1999:blog-5853620981665233836.post1572944568935005981..comments2024-03-25T11:26:27.348+05:30Comments on अपनी माटी: सम्पादकीय:साहित्य बनाम राजनीति/जितेन्द्र यादवGunwant http://www.blogger.com/profile/11902535333148574269noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-5853620981665233836.post-43253225565995859502016-01-25T18:20:56.583+05:302016-01-25T18:20:56.583+05:30"जिस प्रकार राजनीति एक शासन पद्धति है ठीक उसी..."जिस प्रकार राजनीति एक शासन पद्धति है ठीक उसी प्रकार साहित्य एक जीवन पद्धति है. जिस प्रकार राजनीति का उद्देश्य अच्छी शासन पद्धति द्वारा खुशहाल जीवन देना होता है ठीक उसी प्रकार साहित्य की चिंता भी मनुष्य मात्र में सुखमय जीवन की इच्छा व बेहतर समाज बनाने का प्रयास होती है." सूत्रवाक्य। शुभकामनाएँ भाई जितेन्द्र यादव।PUKHRAJ JANGID पुखराज जाँगिडhttps://www.blogger.com/profile/12780240720269882294noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5853620981665233836.post-76514188105063708392016-01-14T18:12:47.556+05:302016-01-14T18:12:47.556+05:30info@apnimaati.com पर अपनी रचना भेज सकते है .अथवा ...info@apnimaati.com पर अपनी रचना भेज सकते है .अथवा अधिक जानकारी के लिए अपनी माटी के मुख्य साईट पर देख सकते है .'अपनी माटी' मासिक ई-पत्रिका (www.ApniMaati.com)https://www.blogger.com/profile/11067105919381764927noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5853620981665233836.post-25260221755584534242016-01-13T22:57:15.397+05:302016-01-13T22:57:15.397+05:30राजनीति साहित्य का एक अंग है, साहित्य राजनीति की द...राजनीति साहित्य का एक अंग है, साहित्य राजनीति की दिशा तय करता है। कबीर, प्रेमचंद्र, केदारनाथ अग्रवाल इसके उदाहरण हैं। अतः चाटुकार या चारण लोग अपने को साहित्यकार होने की भूल न करें तो उन्हें भी उनकी भूल समझ में आ जाएगी। डॉ. संतोष गोवन (Dr. Santosh Govan)https://www.blogger.com/profile/07090478129504524060noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5853620981665233836.post-75993805832222397892016-01-12T21:52:07.168+05:302016-01-12T21:52:07.168+05:30आपकी पत्रिका में प्रकाशन हेतु यदि मैं अपनी रचना भे...आपकी पत्रिका में प्रकाशन हेतु यदि मैं अपनी रचना भेजना चाहूँ तो किस प्रकार भेज सकत हूँ कृपया स्पष्ट करेंAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/07419888221085962313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5853620981665233836.post-70758778947586131382016-01-11T20:47:41.739+05:302016-01-11T20:47:41.739+05:30आपकी पत्रिका में प्रकाशन हेतु यदि मैं अपनी रचना भे...आपकी पत्रिका में प्रकाशन हेतु यदि मैं अपनी रचना भेजना चाहूँ तो किस प्रकार भेज सकती हूँ कृपया स्पष्ट करेंMalti Mishrahttps://www.blogger.com/profile/14212191955037027586noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5853620981665233836.post-10274824057804956882016-01-11T20:34:49.946+05:302016-01-11T20:34:49.946+05:30यह सत्य है कि राजनीति और साहित्य कां पुराना साथ रह...यह सत्य है कि राजनीति और साहित्य कां पुराना साथ रहा है परंतु पहले के साहित्यकार सिर्फ देशहित सेचते थे वर्तमान में अवॉर्ड लौटाने वाले सभी साहित्यकार देशभक्ति नहीं बल्कि किसी एक विशेष राजनीतिक पार्टी से प्रेरित हैं जो देश के हितार्थ न होकर किसी पार्टी के हितार्थ था ऐसे में यदि आम जनता का साहित्य और राजनीति को अलग रखने की सलाह देना भी गलत नही है|Malti Mishrahttps://www.blogger.com/profile/14212191955037027586noreply@blogger.com