tag:blogger.com,1999:blog-5853620981665233836.post2541045897972410289..comments2024-03-25T11:26:27.348+05:30Comments on अपनी माटी: 'कावड़'- आस्था व जनविश्वास का सुमेरू /नटवर त्रिपाठी Gunwant http://www.blogger.com/profile/11902535333148574269noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-5853620981665233836.post-64294896357473838502012-09-22T11:05:15.029+05:302012-09-22T11:05:15.029+05:30चोरों के सरदार निकले
सत्ता सोंपी थी हमने जिनको
प...चोरों के सरदार निकले<br />सत्ता सोंपी थी हमने जिनको<br />पर वे सबके सब गद्दार निकले<br />विश्वाश किया जिन पर हमने<br />वे सब चोरो के सरदार निकले <br /><br />भेजा था जिनको समझ हितेषी<br />पर वे सब देश चलाना भूल गए<br />करना उधार देश का दूर रहा पर<br />ले सब कोष देश का लूट गए<br /><br />घोटालों का दौर चल रहा <br />सब अपनी रोटी सेंक रहे है<br />जनता के परवाह किसे है<br />भर अपना सब पेट रहे है<br /><br />कोलाहल हर तरफ मचा है<br />सब लूट खाशोटी खेल रहे हैं<br />चाहे देश बढे या नहीं बढे<br />पर धंधे इनके पनप रहे हैं<br /><br />ग्राम देवता तड़प रहा है<br />ये प्रांतवाद से खेल रहे हैं<br />मानवता का दफ़न हो गया<br />चोर मवाली पनप रहे हैं<br /><br />स्वच्छ राष्ट्र के चाह अगर है<br />तो इन चोरो दो दूर भगाओ<br />लूटा है धन जिसने माँ का<br />मिल सूली पर उनको चढाओ<br /><br />जो जग मैं समृद्ध बना था<br />इन चोरों ने कंगाल कर दिया<br />लूट लूट कर खनिज सम्पदा<br />जन-जन को बदहाल कर दिया<br /><br />न्याय व्यवस्थां भंग हो गई<br />अब संसद मे कपडे फटते<br />लोकतंत्र के पवन घर में<br />ये पशुओं के सम लड़ते हैं<br /><br />devutta paliwal "Nerbhya"<br /><br />plz publish this rachan i will be thank full to u<br />DEV DUTTA PALIWAL"NERBHYA"https://www.blogger.com/profile/00294998231777064522noreply@blogger.com