tag:blogger.com,1999:blog-5853620981665233836.post2801071844233446368..comments2024-03-25T11:26:27.348+05:30Comments on अपनी माटी: आलेख:इतिहास के पृष्ठों पर अनलिखी आदिवासी आग्नेय गाथा: मगरी मानगढ़/डॉ. नवीन नन्दवानाGunwant http://www.blogger.com/profile/11902535333148574269noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-5853620981665233836.post-34181471452794019992019-03-08T23:58:53.616+05:302019-03-08T23:58:53.616+05:30डॉक्टर नवीन जी
आपने बहुत ही अच्छा लिखा आदिवासी आज...डॉक्टर नवीन जी <br />आपने बहुत ही अच्छा लिखा आदिवासी आज भी पिछड़े हुए हैं और उनका शोषण हो रहा है.इन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में काफी योगदान दिया लेकिन उसे भुला दिया गया है उसका इतिहास में जिक्र नहीं है. आपको बहुत-बहुत धन्यवाद मानगढ़ के बारे में लिखने के लिएAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/14489877406725560466noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5853620981665233836.post-67516290095703154552019-03-08T23:56:23.806+05:302019-03-08T23:56:23.806+05:30डॉक्टर नवीन जी
आपने बहुत ही अच्छा लिखा आदिवासी आज...डॉक्टर नवीन जी <br />आपने बहुत ही अच्छा लिखा आदिवासी आज भी पिछड़े हुए हैं और उनका शोषण हो रहा है.इन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में काफी योगदान दिया लेकिन उसे भुला दिया गया है उसका इतिहास में जिक्र नहीं है. आपको बहुत-बहुत धन्यवाद मानगढ़ के बारे में लिखने के लिएAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/14489877406725560466noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5853620981665233836.post-39312088235846834792015-10-02T13:53:24.922+05:302015-10-02T13:53:24.922+05:30बहुत बढ़िया नवीन जी !!!
दक्षिण राजस्थान, मध्यप्रदे...बहुत बढ़िया नवीन जी !!! <br />दक्षिण राजस्थान, मध्यप्रदेश और गुजरात के भागों में बसा आदिवासी आज भी पिछड़ेपन का शिकार है। खेत में काम करना और मजदूरी करना यह उसकी नियति बन गया है। यद्यपि सरकारी सहायता बहुत उपलब्ध है, लेकिन एक आंदोलन के तहत उसमे चेतना जागरण की कमी सी महसूस होती है। अब तो आदिवासियों की संस्कृति चटक रही है। दिन पर दिन दरारे गहरी हो रही हैं। <br /><br />डॉ. मोहसिन ख़ान सर्वहाराhttps://www.blogger.com/profile/03262084521775905417noreply@blogger.com