tag:blogger.com,1999:blog-5853620981665233836.post4289675270393805855..comments2024-03-25T11:26:27.348+05:30Comments on अपनी माटी: काव्य-लहरी:रामनिवास बांयला की कविताएँGunwant http://www.blogger.com/profile/11902535333148574269noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-5853620981665233836.post-3067942244511484492016-11-17T16:06:17.229+05:302016-11-17T16:06:17.229+05:30आखिरी कविता 'रोशनी' की कुछ पंक्तियाँ छूट ग...आखिरी कविता 'रोशनी' की कुछ पंक्तियाँ छूट गई जो इस प्रकार हैं ------------------ और <br />कोमल कपास का जलना है - घी के साथ |<br />वरना <br />रोशनी - कुछ भी नहीं |<br />वास्तव में कुछ नहीं |<br />राम निवास बाँयलाhttps://www.blogger.com/profile/14257899323979232939noreply@blogger.com