दृश्यकला विशेषांक / Visual Art Visheshank of Apni Maati

आगामी विशेषांक 


चित्तौड़गढ़ (राजस्थान) से प्रकाशित त्रैमासिक पत्रिका
अपनी स्थापना के 12वें वर्ष में प्रवेश
अपनी माटी
( साहित्य और समाज का दस्तावेज़ीकरण )
UGC Care Approved Journal
( Under List 'Multi Disciplinary' Sr. Nu. 03 )
(ISSN 2322-0724 Apni Maati) अंक-.... दिसम्बर 2024


दृश्यकला विशेषांक

 अतिथि सम्पादक

तनूजा सिंह
प्रोफ़ेसर एवं विभागाध्यक्षचित्रकला विभाग, राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर
सम्पर्क : 9413346213

संदीप कुमार मेघवाल
सहायक आचार्यदृश्यकला विभाग, इलाहाबाद विश्वविद्यालय, इलाहाबाद
सम्पर्क : 9024443502, sandeepart01@gmail.com

सहयोग : दिव्या त्रिपाठी एवं जूही यादव


दृश्यकला विशेषांक की पूर्व स्वीकृत शोध आलेख सूची


शास्त्रीय परम्परा

1.      भारतीय लोक संस्कृति में शगुन प्रतीक चिन्हों की अवधारणाशकुंतला महावर

2.      पिछवाई चित्र में युगांतर बदलते प्रतिमानपुष्कर लौहार

3.      नरक की अवधारणा और दृश्‍यगत अभिव्‍यक्तिशाहिद परवेज

4.    ......

5.     आदिम कला का अमूर्तवादी दृष्टिकोणशेरिल गुप्ता

6.     भारतीय पौराणिक साहित्य में चित्रकला का उल्लेख /  जगदीश प्रसाद मीणा

7.      भारतीय शास्त्रीय चित्रकला में नव-शास्त्रीयता के बीज /  संदीप कुमार मेघवाल एवं दिव्या त्रिपाठी

8.    श्रृंगार और विरह के प्रतीकात्मक भावों का तुलनात्मक अध्ययन : रसिकप्रिया के संदर्भ मेंश्रेया शर्मा एवं बीना जैन

9. लिखित आख्यान और चित्र: भारतीय चित्रकला में लिखित आख्यानों के सौंदर्य संबंधी पहलुओं की खोज /  प्रतिमा

10.   रामगोपाल विजयवर्गीय के चित्र सृजन में नारी सौन्दर्य का रूपांकन /  सुनिता मीणा

सौन्दर्य मान

11.  अमूर्त कला का आध्यात्मिक उन्मेषअमित कल्ला

12.  सौन्दर्यशास्त्रीय परम्परा में आधुनिक कलागत विचारअचल अरविन्द

समानान्तर कला

13.  समकालीन कला में युवा उपस्थितिचेतन औदिच्य

14. भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में समकालीन राष्ट्रवादी कला का प्रभावसदाय चन्द्र दास

15. समसामयिक कला प्रवृत्तियां और कला समीक्षास्वाति लोढा एवं मदन सिंह राठौड़

16. भारतीय लोक चित्रकला का समकालीन तंत्र चित्रकला पर प्रभाव / अभिषेक चौरसिया

17.  भारतीय समकालीन महिला कलाकारों की कला में प्रयोगशीलता के स्वरअर्चना रानी

18.  भारतीय समकालीन चित्रकला में सामाजिक दृष्टिकोण और उसकी प्रयोगात्मक दिशा / प्रशांत कुवर एवं शिवानंद बंटानूर

19. उत्तर प्रदेश के कला में क्षेत्रीय कला केंद्र लखनऊ का योगदान /  त्रिभुवन

20.दृश्य कला का समकालीन परिदृश्य एवं प्रयोगवादी प्रवृतियाँलोकेश जैन एवं चानण मल

21.  राजस्थान की समसामयिक कला में आराइश की चित्रण विधि एक परिचय/  कमल कुमार मीणा

22. समकालीन कला में संकेत, प्रतिरूप और व्यवस्था /  निधि शर्मा

23. कोच्चि-मुजिरिस बिनाले: संस्कृति और रचनात्मकता का कैनवासकुमुदिनी भरावा

मूर्तिकला

24. चित्तौड़गढ़ दुर्ग के स्थापत्य परिदृश्य में गणेश प्रतिमाओं का स्थान और संदर्भसंजय कुमार मोची एवं लक्ष्मण लाल सरगडा

छापाचित्रण

25. के. लक्ष्मा गौड की प्रिंटमेकिंग में मौलिकता/ महेश सिंह

26. भारतीय छापाकला में मेज़ोटिन्ट कला का महत्त्व /  चंद्रशेखर वाघमारे

27. ललिता लाजमी की प्रिंटमेकिंग कला: अंतर्दृष्टि, अभिव्यक्ति और योगदान की विस्तृत यात्रासुनिल बाबासाहेब निंगुळे

कला शिक्षा

28. नई शिक्षा नीति में कला का स्थान / मोहन लाल जाट

29. कला शिक्षा के रिश्तों पर पुनर्विचार: कितना समीचीन / राजेन्द्र प्रसाद

30.कला और शिक्षा का परस्पर संबंध: उनके अंतर्संबंधों का एक व्यापक विश्लेषण /अभिषेक भट्टाचार्य

वैश्विक कला दर्शन

31.  वैश्विक कला परिदृश्य में भारतीय दृश्य कला की अवस्थितिविजय धोरे, गुरुचरण सिंह एवं लक्की टांक

32. वैश्विक कला परिदृश्य में भारतीय नारी सौन्दर्य : किशनगढ़ चित्र शैली के सन्दर्भ में / महेश कुमार कुमावत

33. उत्तरप्रदेश में समकालीन कला की प्रवृतियाँ और उनका वैश्विक प्रभाव /  जूही यादव एवं संदीप कुमार मेघवाल

नए विधि विधान

34. समकालीन कला में एक माध्यम के रूप में कागज की खोज तकनीक, सौंदर्यशास्त्र और अभिव्यक्ति / नैना सोमानी

35. डिजिटल कला में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और मशीन लर्निंग (ML) का उपयोग / रितेश जोशी एवं मनीष कुमार भट्ट

36. ग्रामीण भारत में महिला सशक्तिकरण पर सामाजिक विज्ञापन का प्रभाव, एक सर्वेक्षणात्मक अध्ययन /ऐश्वर्या जायसवाल एवं कुमार जिगीषु

37. केनवास से डिजिटल स्क्रीन: कलात्मक अभिव्यक्ति के बदलते आधार / सूरज सोनी

38. दृश्य कला में नए रुझान और रंग योजनाएँमनोज कुमार

साक्षात्कार 

39. कागज़ और कलम का रिश्ता, जो रोशनाई से रोशन है: हरिशंकर बालोठिया से सुरेश चंद्र जाँगिड़ की बातचीतसुरेश चन्द्र जांगिड

40. चित्रकला में शारीरिक भाषा, भाव-भंगिमा एवं अभिव्यक्ति: कला विशेषज्ञों से संवाद/  सचिन सैनी

41. मारिना अब्रामोविच की परफ़ॉर्मेंस कला में मौन की भूमिका: तीन प्रतिष्ठित कृतियों के माध्यम से उनकी कार्यप्रणाली का अध्ययनबिलासेंदु शिल एवं स्वप्ना बिस्वास

42. कलाकार रामकुमार के चित्रों की अभिव्यक्ति / विकास चन्द्र

43. सैयद हैदर रज़ा बिन्दुवाद का सौन्दर्यबोध/रमेश मीणा

44.  श्याम पाण्डुलिप कुमावत की कला शैली: एक अनोखा संयोजन /  रितिका कुमारी

45.प्रमुख समकालीन दृश्य कलाकार: अमूर्त चित्रकार श्री प्रकाश बाल जोशी /  मधु सिंह

46.गोपालस्वामी खेतांची के चित्रों में नारीत्व सौन्दर्यरवि प्रसाद कोली

47. दृश्य कला का समकालीन भारतीय परिप्रेक्ष्य : कलाकार हर्षवर्धन शर्मा की मुखाकृतियों के संदर्भ में /  प्रीती कौशल

कला यात्रा वृतांत

48.मिस्र के कालातीत रहस्यों की अविस्मरणीय यात्रादीपिका माली

चित्र से चलचित्र

49. चलचित्र माध्यम के विभिन्न स्वरूप /जितेंद्र माली

50.  कलात्मक स्वतंत्रता का संघर्ष भारत में सेंसरशिप और प्रतिबंध/ कृष्ण कुमार, वेंकट नरेश बुर्ला एवं रमन