चित्तौड़गढ़ (राजस्थान) से प्रकाशित त्रैमासिक ई-पत्रिका
अपनी स्थापना के 12वें वर्ष में प्रवेश
अपनी माटी
( साहित्य और समाज का दस्तावेज़ीकरण )
UGC Care Listed
( Under List 'Multi Disciplinary' Sr. Nu. 03 )
(ISSN 2322-0724 Apni Maati) अंक-51, जनवरी-मार्च, 2024
सम्पादक-द्वय : माणिक-जितेन्द्र यादव इस अंक का चित्रांकन :
परामर्श मंडल
डॉ. राजेश चौधरी, अशोक जमनानी, प्रो. गजेन्द्र पाठक, प्रो. पयोद जोशी, प्रो. तनुजा सिंह, प्रो. नीलम राठी, प्रो. मनीष रंजन, डॉ. गजेन्द्र मीणा, डॉ. राजकुमार व्यास, डॉ. विंध्याचल यादव, डॉ. मोहम्मद फ़िरोज़ अहमद, डॉ. मुकेश कुमार मिरोठा, डॉ. दीनानाथ मौर्य, डॉ. जितेंद्र थदानी
सम्पादकीय मंडल
डॉ. सौरभ कुमार, डॉ. प्रवीण कुमार जोशी, डॉ. विष्णु कुमार शर्मा, डॉ. मैना शर्मा, डॉ. गोपाल गुर्जर, डॉ. प्रशान्त कुमार, डॉ. कविता सिंह, अभिनव सरोवा, डॉ. मोहम्मद हुसैन डायर,
डॉ. संदीप कुमार मेघवाल, डॉ. बृजेश यादव, डॉ. हेमेन्द्र सिंह सारंग देवोत, डॉ. संतोष विश्नोई, डॉ. हेमंत कुमार
पोर्टल प्रबंधन एवं प्रकाशन : गुणवंत कुमार, अर्जुन कुमार, दीपक कुमार
डिजायन एवं डिजिटल मार्केटिंग : चंद्रशेखर चंगेरिया (कुमावत)
आर्थिक सहयोग : Apni Maati Sansthan ,A/c. Nu.: 33444603964, IFSC Code : SBIN0006097
State Bank of India, Branch : Chittorgarh (Rajasthan)
प्रकाशक : 'अपनी माटी संस्थान चित्तौड़गढ़' ( पंजीयन संख्या 50 /चित्तौड़गढ़/2013 )
सम्पादकीय / पंजीकृत कार्यालय : कंचन-मोहन हाऊस,1, उदय विहार, महेशपुरम रोड़, चित्तौड़गढ़-312001,राजस्थान
वाट्स एप : 9460711896 (माणिक) 9001092806 (जितेन्द्र यादव)
स्वीकृत रचनाएं (कुल 40 रचनाएँ)
अनुक्रमणिका
(नोट :- निम्न रचनाएं चयनित हैं जो 30 अप्रैल 2024 को प्रकाशित होंगी )
सम्पादकीय
- माणिक
नदी के नाम लम्बी चिट्ठी
- नर्मदा मैया / अशोक जमनानी
वैचारिकी
- स्मृति और वर्तमान का अद्भुत संयोजन / डॉ. मुकेश कुमार मिरोठा
- प्रगतिशील साहित्य और रामविलास शर्मा / रूपेश कुमार
- हिंदी आलोचना में हिंदी नवजागरण की संकल्पना का विकास - डॉ. जावेद आलम
- समग्र ज्ञान और अनुभव का संयोजन है मानव संस्कृति : अज्ञेय /
डॉ. सत्यप्रकाश सिंह
- संत साहित्य की दार्शनिक विचारधारा का विश्लेषण / डॉ. नवल पाल
- दूनी पोलो / डॉ. शमा खान
- अफलातून की डायरी : डॉ. विष्णु कुमार शर्मा
- संस्मरण : डॉ. हेमंत कुमार
- हिंदी फिल्मी गीतों में भावाभिव्यक्ति (कालखंड 1931-1947) / संगीता शर्मा
- हिंदी सिनेमा में पर्यावरण चेतना : दशा एवं दिशा / डॉ. बीनू कुमावत
- हिन्दी सिनेमा तथा पटकथा लेखन में मन्नू भंडारी का योगदान / कैलाश चन्द्र खटीक
- लखनऊ में लघु समाचार पत्रों का वर्तमान रुझान (एक गुणात्मक अध्ययन) / माधुरी तिवारी एवं डॉ. मिली सिंह
- शैक्षणिक प्रदर्शन पर सोशल मीडिया का प्रभाव : लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्रों पर एक केस स्टडी / शैलेन्द्र सिंह बिष्ट एवं डॉ. मिली सिंह
- 'अल्मा कबूतरी' उपन्यास में स्त्री की स्थिति और मुक्ति का संघर्ष / डॉ. राजेश शर्मा एवं अभिषेक सिंह
- गांधी और गिरमिटिया श्रम प्रणाली का उन्मूलन / अंजली तिवारी
- बहुआयामी निर्धनता और आदिवासी समाज (बहुआयामी निर्धनता सूचकांक और आदिवासी उपन्यासों के संदर्भ में) / डॉ. राठोड पुंडलिक
- कठगुलाब उपन्यास के माध्यम से स्त्री मुक्ति के प्रश्न / किशोर कुमार
- हिंदी आलोचना में हिंदी नवजागरण की संकल्पना का विकास / डॉ. जावेद आलम
- सूफ़ी काव्य में लोक जीवन / डॉ. वैशाली पाचुन्दे
- भक्ति आन्दोलन में संगीत की भूमिका और रामविलास शर्मा की आलोचना दृष्टि / विक्रम कुमार
- हिंदी आंदोलन के पुरोधा राजा शिवप्रसाद ‘सितारेहिन्द’ के अवदानों को याद करते हुए / सौरभ सिंह
- बदलते परिदृश्य में मिर्ज़ापुर की कजरी / प्रवीण कुमार मिश्र
- असहयोग आन्दोलन एवं चौरी-चौरा काण्ड : सबाल्टर्न अध्ययन / डॉ. रविन्द्र कुमार गौतम
- भड़ौ : उत्तराखंड की लोकनाट्य विधा / केतन तिवारी एवं प्रो. वी. डी. एस. नेगी
- मिश्मी जनजाति के श्रमपरिहारपरक लोकगीतों में अभिव्यक्ति धर्म / मो. जोहुरूल इस्लाम
- उत्तर प्रदेश के बलिया जिले की लोक-कथाओं का मानवशास्त्रीय विश्लेषण / शिव शंकर यादव एवं वीरेन्द्र प्रताप यादव
- जितना नींद में स्वप्न उतना देह में काम / डॉ. विष्णु कुमार शर्मा एवं डॉ. बलदेवाराम
- जल संकट के संदर्भ में ‘कुइयांजान' उपन्यास / शिवानी राठी एवं प्रो. राम पाल गंगवार
- ‘महुआचरित' का नारीत्व : एक नई परिभाषा की तलाश में / सनोवर
- हिंदी का प्रतिबंधित कथा साहित्य (विशेष संदर्भ : उपन्यास ‘गदर’ एवं ‘पैरोलर’) / ज्योति
- सोहनलाल द्विवेदी की कविता में राष्ट्रबोध -डॉ. राजेंद्र कुमार सिंघवी
- भारत तथा ऑस्ट्रेलिया की अध्यापक शिक्षा पाठ्यचर्या का तुलनात्मक विश्लेषण / डॉ. गौरव शर्मा, मेघा कौशिक एवं आशीष रंजन
- चुनाव सुधार : एक राष्ट्र एक चुनाव के विशेष संदर्भ में / डॉ. हेमन्त कुमार मालवीय एवं रत्ना सिंह
रंगायन
- दृश्य कला के धार्मिक चरित्र / डॉ. क्षमा द्विवेदी
- मेवाड़ और मालवा शैली के रसिकप्रिया लघुचित्रों का तुलनात्मक अध्ययन / शेरिल गुप्ता
- ‘इला’ नाटक में विविध अस्मितामूलक विमर्श / बी.वी.एन. उमा गायत्री
अध्यापकी का अनुभव
- डॉ. मोहम्मद हुसैन डायर
केम्पस के किस्से
- आर यू सिंगल? ; राजस्थान विश्वविद्यालय जयपुर के किस्से / जसवंत सिंह
समीक्षा की जाजम
- ‘विषाक्त हवाओं के बीच’ में जयप्रकाश कर्दम की कविताएं / अंकिता सिंह
- नई खेती - रमाशंकर यादव ‘विद्रोही’ / आँचल पारीक
बतकही
- ऐसे दौर में जी रहे हैं जहाँ धुंध है, संक्रमण है। (डॉ. सत्यनारायण से माधव राठौड़ की बातचीत)
- हम आदिवासी लोग जंगल के सच्चे संरक्षक हैं। (अनुज लुगुन से रम्या कृष्णन की बातचीत )
- सच्चा कवि पॉप सिंगर की तरह लोकप्रिय नहीं हो सकता। ( प्रो. अरविन्द त्रिपाठी से शशिभूषण मिश्र की बातचीत)
- चित्तौड़गढ़ / हरीश धाकड़
गुलमोहर के फूल
- ग्रामीण
ओलम्पिक
: मेरे
जीवन
का
नया
अभ्युदय
/सावित्री
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