आलेख : कबीर की कविता का ‘देस’ : जाति बरन कुल नाहिं / डॉ. कृष्ण कुमार सिंह Gunwant बुधवार, जनवरी 31, 2024 कबीर की कविता का ‘देस’ : जाति बरन कुल नाहिं - डॉ. कृष्ण कुमार सिंह कबीर यह तन जात है, सकै तो लेहु ब…