'32 घंटे No Screen; : अपनी माटी ‘गुल्लक’ की एक पहल


32 घंटे No Screen
अपनी माटी गुल्लककी एक पहल

नमस्ते, लॉकडाउन के चलते आजकल हम घरों में हैं। मानिए कि हम अपना ज्यादातर समय मोबाइल, टीवी और कम्प्यूटर के साथ गुजार रहे हैं। इसे चाहो तो हमारी लाचारी कहो या बेबसी पर कहीं ऐसा न हो कि हम इस लाचारी को अपनी लत बना बैठें और लॉकडाउन खत्म होने पर घरों से तो बाहर आ जाएं पर स्क्रीन की इस लत से बाहर न या पाएं। ऐसे में कोरोना की तरह इस कड़ी को तोड़ना भी बहुत जरूरी हो गया है। तो करना क्या है?

आज 1 अप्रैल 2020 रात 11 बजे से हम अपना फोन स्विच ऑफ़ या साइलेंट करके एक डिब्बे में रख देंगे लेपटॉप अपने बैग में। टीवी चाहे लगा रहने दे, घर के बाकी सदस्य देखें तो और कुछ जरूरी सूचना जारी हो तो आपको घर के लोगों के मार्फत मिल जाए। याद रखें आप टीवी के सामने नहीं जाएंगे। चलिए आगे बढ़ते हैं। अब ये सिलसिला चलेगा 3 अप्रैल सुबह 5 बजे तक, उसके बाद आप फोन या कंप्यूटर या टीवी का उपयोग करने के लिए स्वयं से आजाद हैं। हालांकि मैं आपको बता दूँ कि आपका मन नहीं करेगा।

इस मुहीम में शामिल होने से पहले आप अपने कुछ खास परिचितों को इस बात कि सूचना दे दें कि आप अगले 32 घंटे मोबाइल के जरिए किसी के संपर्क में नहीं रहेंगे। ऐसा कुछ लिख कर व्हाट्सएप पर डीपी लगा दें जैसे कि No Screen till morning 3rd April 2020 या Not Available till morning 3rd April 2020 on phone. अपने हिसाब से कुछ भी मेरा पसंदीदा है अज्ञातवास 3 अप्रैल 2020 सुबह तक।

अब बात यह कि इन 32 घंटों में हमें करना क्या है?
बहुत से ऐसे काम हैं जो हमने फुरसत के दिनों के लिए बचा कर रखे थे। अब फुरसत है पर वो काम याद नहीं आ रहे हैं। तो आपको मैं याद दिलाता हूँ कि वो काम क्या-क्या हैं?


  • सुबह उठकर एक घंटे मेडिटेशन करें। घर के किसी सदस्य से कह दें कि वो स्पीकर पर कोई संगीत की धुन चला दे जैसे बाँसुरी, सितार या कोई और जो आपकी पसंद की हो। इसी के साथ आप योग या शारीरिक श्रम कर सकते हैं।
  • घर के बाहर या भीतर जो भी पौधे लगे हैं उनमें पानी डालें या उनकी साफ सफाई करें।
  • अपने शरीर पर तेल से मालिश करें और कुछ देर धूप में रहें।
  • अच्छे से नहाएँ और शरीर की पूरी सफाई करें।
  • याद है हम रोजाना सिर्फ पेट भरने के लिए नाश्ता और भोजन करते हैं पर आज नाश्ते व भोजन के स्वाद और सुगंध को भी महसूस करें। खाने की तारीफ करें।
  • आज ही कोई 2 किताबें जो पढ़ना बाकी हैं उन्हे संभालकर अपने पास रख लें। दिन के कुछ घंटे ये किताबें ही आपकी दोस्त होंगी।
  • घर में बच्चे हैं तो उनके साथ खेलें, उन्हें कोई कहानी सुनाएँ या कविता याद करवाएँ।
  • दिन के बाद एक डायरी में वो सब कुछ लिखें जो आपके मन में आ रहा है। अगर आपने कुछ गलतियाँ की है तो वें भी लिखें।
  • अपने कुछ दोस्तों को एक खाली कागज़ में चिट्ठी लिख कर रख लें। लॉकडाउन खत्म होने पर उन्हें भेजें।
  • आपकी कोई हॉबी हो तो उसे भी करें जैसे पेंटिंग, कविता लिखना, कुकिंग या और कुछ जो भी मन करें। 
  • शाम को सूर्यास्त को जरूर देखें। घर के किसी सदस्य से कोई मधुर संगीत लगवा ले आंखे बंदकर हवा को, पंछियों की आवाज को महसूस करें तब आपको लगेगा किये ज़िंदगी कितनी खूबसूरत है। अपने भीतर झाँकने की कोशिश करें और किसी से कोई गिला-शिकवा रह गया हो तो अपने मन में ही उन्हें माफ कर दें। ये करते हुए आपके मन से सारा बोझ उतर जाएगा।
  • शाम का खाना घर के सभी लोगों के साथ खाएँ। खाते समय सभी से टीवी, कंप्यूटर या मोबाइल के उपयोग से बचने को कहें।
  • रात को सोने से पहले आज के अनुभव को डायरी में लिखें।
  • मेरा यकीन है अगली सुबह जब आप उठेंगे आप के भीतर एक अलग सी ऊर्जा होगी। कई सारे सवालों के जवाब आप को मिल चुके होंगे।
  • आप इनमें अपने मन का कोई काम जोड़कर भी कर सकते हैं।
  • अपने अनुभव को आप मेरे साथ बाँट सकते हैं। मुझे फोन करें या मैसेज, जैसा आपको ठीक लगे।
  • आप अपने अनुभव हमें ई-मेल भी कर सकते है gullak.apnimaati@gmail.com आपके अनुभव हम आपसे इज़ाजत लेकर गुल्लकके अगले शो में उसे प्रसारित करना चाहेंगे।
इस पहल को आगे पहूँचाएं। अपने चाहने वालों, दोस्तों और भाई बहनों के साथ शेयर करें।

शुक्रिया
महेंद्र नंदकिशोर
गुल्लकमंडली@अपनी माटी

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