मुख्यपृष्ठआलेख आलेख:ग्रामीण यथार्थ और मार्कंडेय की कहानियाँ /डॉ राजेन्द्र कुमार साव बेनामी शुक्रवार, नवंबर 15, 2013 0 साहित्य और संस्कृति की मासिक ई-पत्रिका अपनी माटी ( ISSN 2322-0724 Apni Maati ) नवम्बर-2013 अंक पिछले अंकों के लिए यहाँ क्लिक करिएगा फॉन्ट सम्बन्धी तकनिकी कारणों से यह आलेख आपके लिए पीडीएफ वर्जन के रूप में यहाँ साझा किया गया है प्लीज़ यहाँ क्लिक करिएगा कर आप इसे डाउनलोड भी कर सकते हैं.पढ़ने लायक एक वर्जन यहाँ भी देखा जा सकता है. डॉ राजेन्द्र कुमार साव निराला-काव्य में मानवीय प्रतिबद्धता पर कलकत्ता विश्वविद्यालय से एम् फिल हिन्दी की जनवादी कहानी पर शोध संबोधन,परिंदे, कथाक्रम, वर्तमान साहित्य,जनपथ सहित कई पत्रिकाओं में प्रकाशन,, आलोचना की एक पुस्तक कथाकार संजीव' शीघ्र प्रकाश्य। तीन पुस्तकें प्रकाशित है : जनवादी कहानी:अवधारणा और विकास आधुनिक हिन्दी साहित्य के शताब्दी पुरुष निराला:व्यक्ति और काव्य-मानवीय संवेदना 39 ,बड़ा आएमा,खड़गपुर, पश्चिमी मेदिनीपुर-721304 पश्चिमी बंगाल, मो-8609530456. F&cesue : thedrrkshaw15@gmail.com