शोध आलेख : यू-ट्यूब के नॉलेज वीडियो का युवाओं पर प्रभाव का अध्ययन / अनुज व डॉ. धीरज कुमार

यू-ट्यूब के नॉलेज वीडियो का युवाओं पर प्रभाव का अध्ययन

- अनुज  डॉ. धीरज कुमार


शोध सार : आज इंटरनेट जीवन का बेहद जरूरी अंग  बन गया है। ज्ञान के अर्जन में भी इंटरनेट की भूमिका से इंकार नहीं किया जा सकता है। यू-ट्यूब वीडियो का सबसे बड़ा सागर है। जिज्ञासा मानव स्वभाव का महत्त्वपूर्ण अंग  है। यह जिज्ञासा औपचारिक तथा अनौपचारिक दोनों प्रकार की हो सकती है। यू-ट्यूब पर दोनों प्रकार के ही चैनल उपलब्ध हैं। आभासी मंच में वीडियो के सैकड़ों अनुप्रयोग उपलब्ध हैं, नॉलेज वीडियो का सबसे बड़ा केन्द्र वर्तमान में यू-ट्यूब है। प्रस्तुत शोध पत्र में विषय के अनुरूप मिश्रित विधि का उपयोग किया गया है। शोध के उपागम के रूप में मिश्रित उपागम का उपयोग किया गया है। आँकड़ों का संग्रहण मिश्रित प्रश्नावली द्वारा किया गया है। इस शोध पत्र के माध्यम से यह जानने का प्रयत्न किया गया है कि नॉलेज वीडियो देखने वाले वीडियो में क्या परिवर्तन चाहते हैं। ऑनलाइन शिक्षा से कुछ लोग भले ही अनभिज्ञ हों पर ज्यादातर लोग इसके नाम से परिचित हैं। यह भी जानने का प्रयत्न किया गया है कि कैसे ऑनलाइन मीडिया लोगों में इए विषय के प्रति भी आकर्षण पैदा कर रहा है। साथ ही  यह भी जानने का प्रयत्न किया गया है कि कैसे नॉलेज वीडियो को और भी ज्यादा सुधारा जा सकता है।


इंटरनेट ने मानव जीवन कि दशादिशा दोनों को बदल कर रख दिया है। इंटरनेट आज जीवन का अभिन्न अंग बन चुका। विश्व का प्रत्येक व्यक्ति इससे जुड़ा हुआ है फिर चाहे वह प्रत्यक्ष रूप से अथवा अप्रत्यक्ष रूप से उसका जुड़ाव है। इंटरनेट के क्षेत्र में नित्य नवीन खोजों के कारण इसने मानव जीवन के सभी आयामों को प्रभावित किया है। यू-ट्यूब सोशल मीडिया पर बेहद प्रसिद्ध अनुप्रयोग है। कोविड के दौरान यू-ट्यूब पर सामग्री को बनाने व उपभोग करने वालों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि हुई है। यु-ट्यूब अब मात्र मनोरंजन का उपकरण न बनकर  मानव जीवन से संबन्धित सभी आयामों को समृद्ध कर रहा है। अब जानकारी के लिए सर्च इंजन से शब्द ढ़ूंढ़ने के बजाय लोग यू-ट्यूब का सहारा ले रहे हैं। यू-ट्यूब यूँ तो वीडियो का दुनिया में सबसे बड़ा संग्रहण केन्द्र है। इस मंच पर उपलब्ध वीडियो बहुत तरह के  हैं। इन्हीं विडियो के विविध  प्रकारों में नॉलेज वीडियो का भी स्थान है। वह वीडियो जो ज्ञान उपलब्ध करवाए उसे नॉलेज वीडियो कहा जाता है। नॉलेज वीडियो के भी दो प्रकार हैं। औपचारिक वीडियो इसमें उन वीडियो को शामिल किया जाता है जो औपचारिक शिक्षा से जुड़े  हो। जैसे  किसी कोर्स से जुड़ा कोई वीडियो, कोई वेबीनार अथवा किसी कक्षा के विषय से जुड़ा कोई आख्यान। दूसरे प्रकार के वीडियो  में अनौपचारिक वीडियो आते  है। अनौपचारिक नॉलेज वीडियो में वह वीडियो आते हैं, जिनका सम्बन्ध मात्र ज्ञान से होता है। इस प्रकार के वीडियो का उद्देश्य मात्र ज्ञान उपलब्ध करवाना होता है। इसका किसी कक्षा व विषय अथवा संस्थान से कोई लेना-देना नहीं होता है।


यू-ट्यूब अब ज्ञान के स्त्रोतों में से एक है। यू-ट्यूब  इस समय विविध क्षेत्र के ज्ञान से सराबोर है। बच्चों की लोरियों से लेकर सुक्ष्म विज्ञान समेत तमाम चैनलों की भरमार है। इन सभी चैनलों की  आय का ज़रिया विज्ञापन हैं और विज्ञापन का आधार कार्यक्रम का प्रकार व कितने लोगों ने देखा है, के आधार पर होता है। ज्ञान दो भागों में विभक्त है। यू-ट्यूब पर दोनों ही तरह के नॉलेज विडियोज़ उपलब्ध है फिर चाहे वह औपचारिक क्षेत्र का हो अन्यथा अनौपचारिक क्षेत्र। यू-ट्यूब के यह नॉलेज चैनल आज प्री स्कूल के छात्राओं से लेकर संघ लोक सेवा आयोग तक के प्रतिस्पर्धियों तक की सहायता कर रहे हैं। कोविड के दौरान स्कूल व महाविद्यालय तथा विश्वविद्यालय के बन्द हो जाने पर यू-ट्यूब ने भी तमाम तरह के मंचों के बीच महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है। भारत में प्राचीनकाल से ही राज्य की नौकरी को आम जनमानस ज्यादा तरजीह देता रहा है और यह परम्परा आज भी जारी है। इसके कई कारण हो सकते हैं स्थायित्व, मानदेय व सामाजिक सम्मान। कई तरह की  नौकरियों की  तैयारी के लिए यू-ट्यूब पर बहुत चैनल हैं जो मुफ्त अथवा सदस्यता शुल्क लेकर भी ज्ञानवर्धन करते हैं। यू-ट्यूब सोशल मीडिया मंच का एक अनुप्रयोग है। इसे सन् 2005 में शुरू किया गया था, जिसके माध्यम से अरबों वीडियो को देखा जा सकता है, वीडियो को अपलोड किया जा सकता है, वीडियो को बनाने वाले के माध्यम से सीधे तौर पर देखा जा सकता है(यू-ट्यूब, 2015)

 

बीज  शब्द : यू-ट्यूब, नॉलेज विडियो, औपचारिक ज्ञान, अनैपचारिक ज्ञान।

 

मूल आलेख :

साहित्यिक पुनरावलोकन -

  1. Vasilia, A. Panagiotis, M. Maria, D. Nikolaos, S. Georgios (2015). YouTube: An educational tool in Environmental Education, International Journal of Education and Research

प्रस्तुत शोध पत्र में बताया गया है कि पर्यावरण ज्ञान के लिए छात्र-छात्राएँ यू-ट्यूब की मदद ले रहे हैं। यू-ट्यूब पर बहुत से विशेषज्ञों के आख्यान बहुतायत में उपलब्ध हैं। पर्यावरण शिक्षा के साथ ही अन्य विषय जैसे कि शारीरिक शिक्षा, भौतिक विज्ञान आदि के वीडियो बड़ी संख्या में उपलब्ध हैं। इन वीडियो से दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से सीखने वाले छात्र-छात्राएं इससे लाभान्वित हो रहे हैं। यू-ट्यूब के इस ज्ञान संचय स्त्रोत में लगातार वृद्धि हो रही है।

 

       Smith H. (2011). Pop culture Pedagogy in Music Classroom, The Scarecrow Press Inc.

इस पुस्तक में लेखक ने बताया है कि  यू-ट्यूब के माध्यम से भी सीखना अब बेहद आसान हो चुका है। तमाम तरह के विषयों को  अब औपचारिक शिक्षा के साथ ही विषय को और ज्यादा गहराई से समझाया  जा सकता है। यू-ट्यूब पर मनोरंजन कार्यक्रमों के साथ ही बहुत से विषयों को बेहद रोचक ढ़ंग से सीखा जा सकता है। बहुत ही प्रयोगात्मक विषयों को भी घर बैठै अथवा आभासी कक्षा के माध्यम से भी सीखा जा सकता है। कैलिफोर्निया के एक सिख छात्र का उदाहरण दिया गया है जो पंजाब का  प्रसिद्ध भांगड़ा नृत्य लोगों को यू-ट्यूब के माध्यम से सिखा रहा है। नृत्य सीखने के लिए भी अब लोग लाइव आकर नृत्य से जुड़ी हुई बारीकियां  सीख रहे है। आभासी कक्षा होने के कारण लोग सुदूरवर्ती क्षेत्रों के लोग भी आसानी से जुड़ पाते हैं। सीखने वाले के मन में यदि कोई प्रश्न है, तो उसका जवाब भी आसानी से मिल जाता है। पुस्तक में लेखक ने यह भी बताया है कि यू-ट्यूब पर उपलब्ध ज्ञान यदि किसी विशेषज्ञ द्वारा उपलब्ध करवाया गया है तो वह भी एक पुस्तकालय की ही भांति लोगों की मदद कर ज्ञानवर्धन कर रहा है। दुनिया के बहुत से शैक्षणिक संस्थानों में लोग निर्बाध रूप से अपने विषय पर ही केन्द्रित रहें इसके लिए सोशल मीडिया के बहुत से अनुप्रयोगों को प्रतिबन्धित कर दिया जाता है, इससे भटकाव व समय कम वर्बाद होता है।

 

       Salone, B. Shonna, S. Robin, R. (2009). An Assessment of Faculty Usage of You Tube as a Teaching Resource, The Internet Journal of Allied Health Sciences and Practice.

प्रस्तुत शोध पत्र में बताया गया है कि शिक्षक भी यू-ट्यूब के माध्यम से स्वयं के ज्ञान में विस्तार कर रहे हैं। इस शोध में यू-ट्यूब को कक्षा में तथा कक्षा के बाहर दोनों तरह के विद्यार्थियों में  सकारात्मक परिणाम रहा। इस शोध से यह भी पता चलता है कि जिन शिक्षकों को दस वर्ष से ज्यादा का अनुभव है, वह यू-ट्यूब से अपने ज्ञान का विस्तार तो करते हैं पर वह यू-ट्यूब पर निर्भर नहीं रहते। कुछ वरिष्ठ शिक्षकों ने साफ तौर पर इंकार किया कि वे यु-ट्यूब से ज्ञानार्जन नहीं करते हैं। नए शिक्षकों का यू-ट्यूब से ज्यादा जुड़ाव है। नए शिक्षक कक्षा में भी जानकारी देने वोले वीडियो को बच्चों को दिखाते हैं। वाद-विवाद प्रतियोगिता के समय बच्चों के ज्ञान को बढ़ाने के लिए शिक्षक यू-ट्यूब का ज्यादा सहारा लेते हैं। यू-ट्यूब की मदद से कक्षा के भीतर तथा आभासी कक्षा में भी यू-ट्यूब के सकारात्मक परिणाम रहे हैं।

 

       W. Mirjam, W. Roger, Z. Zack (2012). The YouTube Social Network

प्रस्तुत शोध पत्र में बताया गया है कि  यू-ट्यूब दुनिया का सबसे बड़े विडियोज़ के संग्रहण का केन्द्र है। तकनीकि के क्षेत्र में विस्तार होने से इसे और बल मिला है। यू-ट्यूब की  प्रसिद्धि का सबसे बड़ा कारण है, इसके उपयोगकर्ताओं की संख्या तथा इसकी एल्गोरिद्म जो कि दर्शक को अपनी पसंद के अनुरूप वीडियो देख सकते हैं। यह इस मंच की सबसे बड़ी ताकत है जो कि इसे अन्य परम्परागत माध्यमों से अलग बनाती है।

 

       Rahmatika, Y. Munawir, A. Leo (2021). The Effectiveness of Youtube as an Online Learning Media. Journal of Education Technology

प्रस्तुत शोधपत्र में बताया गया है कि कोविड महामारी के दौरान विश्व की तमाम व्यवस्थाएं चरमरा गई थीं। इन सबके बीच स्वास्थ्य  क्षेत्र को भी तमाम मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। इस सबके बीच ऑनलाईन शिक्षा का विकल्प आया। ऑनलाइन शिक्षा का विकल्प नया नहीं था, परन्तु पहले लोग इससे कतराते थे। कोविड के दौरान लोगों ने इसे सहर्ष स्वीकार किया। ऑनलाइन शिक्षा के लिए जब दुनिया में तमाम तरह के अनुप्रयोग आए। उस समय छात्र और शिक्षक दोनों ही डरते थे कि इन अनुप्रयोगों का कैसे उपयोग किया जाए। इस समय में यू-ट्यूब एक प्रभावी और विश्वसनीय विकल्प था। यू-ट्यूब के साथ इसलिए भी समस्याएं कम थीं, क्योंकि छात्र तथा शिक्षक दोनों जानते थे कि इसे कैसे उपयोग किया जाएगा। ऑनलाइन क्लास में जहाँ तमाम तरह की समस्याएं आती हैं वहीं यू-ट्यूब ज्ञानार्जन की दृष्टी से थोड़ा आसान है।

 

       Ghobrin, R. (2020). Synergizing Facebook and YouTube for e-Teaching Grammer during Covid-19 Pandemic. International Journal of Education and Science.

इस शोध पत्र में लेखक ने बताया है कि कोविड महामारी के दौरान जहाँ बच्चे ऑनलाइन शिक्षा ले रहे थे, वहीं कुछ  छात्र इससे वंचित रहे। कुछ तकनीकी समस्या के कारण तो  कुछ के पास उपकरण ही उपलब्ध नहीं था। शुरूआती दौर में ज्यादातर छात्रों ने ऑनलाइन पढ़ाई के नाम पर स्वयं ही पढ़ाई की। छोटे बच्चों के लिए ऑनलाइन कक्षा से बेहतर रिकॉर्डेड लेक्चर है, वह अपनी सुविधा के अनुसार वीडियो को आगे व पीछे कर सकते हैं, साथ ही कुछ न समझ आने पर अध्ययन सामग्री का  दोहराव भी कर सकते हैं।

 

शोध उद्देश्य :-

       नॉलेज चैनलों के प्रति युवाओं के मत को जानना

       युवाओं के मध्य नॉलेज चैनलों की  विश्वसनियता को जानना।

       युवा नॉलेज चैनलों की  विश्वसनियता को कैसे परखते हैं का अध्ययन।

 

शोध प्रविधि -

प्रस्तुत शोध समस्या के निराकरण के लिए समस्या के अनुरूप विवरणात्मक शोध पद्धति का उपयोग किया गया। यह शोध युवाओं के मत से जुड़ा है, इसलिए मिश्रित उपागम का प्रयोग कर उत्तर जानने का प्रयत्न किया गया। शोध की जनसंख्या में वह सभी युवा हैं जो यू-ट्यूब पर नॉलेज वीडियो देखते हैं। आँकड़ों के ढ़ाँचे के रूप में स्कूल व कॉलेज के लोगों को शामिल किया गया। आँकड़ों का संकलन ऑनलाइन प्रश्नावली के माध्यम से किया गया है। मिश्रित प्रश्नावली द्वारा आँकड़ों का संकलन किया गया है। गैर सम्भाव्य के उद्देश्यात्मक प्रतिचयन द्वारा आँकड़ों का संकलन किया गया है। आँकड़ों की संख्या पचास है।

 

प्रश्न 1. आप यू-ट्यूब के नॉलेज वीडियो पर प्रतिदिन कितना समय देते हैं।

इस प्रश्न के उत्तर में उत्तरदाताओं नें बताया कि 43.8 प्रतिशत दो घन्टे से अधिक समय देते हैं। 25 प्रतिशत का मानना है कि वह तीस मिनट तक देखते हैं। 6.3 प्रतिशत उत्तरदाताओं का मानना है कि वह एक घन्टे से अधिक समय तक  देखते हैं। 6.3 प्रतिशत उत्तरदाताओं का मानना है कि वह बीस मिनट नॉलेज वीडियो देखते हैं। 19.4 प्रतिशत उत्तरदाताओं का मानना है कि वह दस मिनट तक के ही नॉलेज वीडियो देखना पसंद करते हैं।

 

प्रश्न 2. क्या यू-ट्यूब पर नॉलेज वीडियो के लिए शुल्क भी देते हैं।

इस प्रश्न के उत्तर में 81.3 प्रतिशत लोगों ने उत्तर दिया कि वह नॉलेज वीडियो बिना कोई शुल्क दिए देखते हैं। 18.8 प्रतिशत उत्तरदाताओं का मानना है कि  वह शुल्क देकर भी नॉलेज वीडियो देखना पसंद करते हैं।

 

प्रश्न 3. आप कैसे तय करते हैं, कोई नॉलेज वीडियो सही जानकारी दे रहा है।

इस प्रश्न के दौरान 21.3 प्रतिशत उत्तरदाता बताते हैं कि वह तथ्यों की  जाँच करते हैं। 14 प्रतिशत का मानना है कि वह इसकी जाँच अन्य मंचों से भी करते हैं। 14.3 प्रतिशत उत्तरदाताओं का मानना है कि वह नॉलेज विडियो के मामले में कम से कम मिलियन सबस्क्राईबर वाले चैनलों को ही देखते हैं। 30 प्रतिशत उत्तरदाताओं का मानना है कि वह यू-ट्यूब पर कोई भी कार्यक्रम देखने से पहले कमेंट जरूर पढ़ते हैं, इससे वीडियो के बारे में जानकारी मिल जाती है। 10.4 प्रतिशत उत्तरदाताओं का मानना है कि यदि मुद्दा समाचार से जुड़ा हो तो उसे आसानी से जाँचा जा सकता है। 10 प्रतिशत उत्तरदाताओं का मानना है कि वह एक वीडियो कि सत्यता जाँचने के लिए अन्य वीडियो भी देखते हैं।

 

प्रश्न 4. नॉलेज विडियो के कारण किसी क्षेत्र में आपकी दिलचस्पी बढ़ी हो।

10 प्रतिशत उत्तरदाताओं का मानना है कि नॉलेज विडियो के कारण समाचार देखन में उनकी दिलचस्पी बढ़ी है। 40 प्रतिशत उत्तरदाताओं का मानना है, यू-ट्यूब के नॉलेज विडियो देखने के कारण अब वह प्रतियोगी परिक्षाओं कि तैयारी करना चाहते हैं। 6.7 प्रतिशत का मानना है कि स्वास्थ्य और पोषण विषय में उनकी रूचि बढ़ी है। 8.3 प्रतिशत लोगों का मानना है कि यू-ट्यूब के नॉलेज वीडियो के कारण वह अन्तर्राष्ट्रीय खबरों को देखने लगे हैं। 11 प्रतिशत लोगों का मानना है कि वह नॉलेज वीडियो देखते हैं पर किसी अन्य क्षेत्र के प्रति उनका आकर्षण नहीं बढ़ा है। 15 प्रतिशत उत्तरदाताओं का मानना है कि उनका आकर्षण इतिहास, समसामायिक मुद्दों पर बढ़ा है। 9 प्रतिशत उत्तरदाताओं का मानना है कि वह यूजीसी नेट, सीडीएस, एसएसी की तैयारी के लिए यू-ट्यूब के नॉलेज वीडियो का सहारा ले रहे हैं।

 

प्रश्न 5. नॉलेज विडियो में आप क्या सुधार चाहते है?

40 प्रतिशत उत्तरदाताओं का कहना है कि वीडियो के प्रस्तुतिकरण का तरीका बदला जाना चाहिए और वीडियो जब पूरा तथ्यों से भरा होता है तो उबाऊ हो जाता है। 40 प्रतिशत उत्तरदाताओं का कहना है कि हतथ्यों के साथ छेड़-छाड़ न की जाए। 20 प्रतिशत लोगों को कोई आपत्ति नहीं है।

 

प्रश्न 6. क्या नॉलेज वीडियो से आपको कोई मदद मिलती है?

70 प्रतिशत उत्तरदाताओं का मत है कि यू-ट्यूब के नॉलेज वीडियो से उनके ज्ञान में बढ़ोतरी होती है साथ ही उनकी पढ़ाई में भी मदद होती है। 10 प्रतिशत उत्तरदाताओं को लगता है कि उनका ज्ञान तो बढ़ता है पर शैक्षणिक विषय पर कोई ज्यादा मदद नहीं मिलती है। 20 प्रतिशत लोगों को मानना है कि उनकी इस पर कोई राय नहीं है।

 

निष्कर्ष : नया मीडिया इस समय जीवन का अभिन्न अंग बन चुका है। यू-ट्यूब पर उपलब्ध नॉलेज वीडियो लोगों के ज्ञान में वृद्धि कर रहा है। नॉलेज वीडियो देखने वालों में दो घन्टे से लेकर दस मिनट तक के कार्यक्रम उपलब्ध हैं, एक घन्टे अथवा इससे अधिक का कार्यक्रम देखने वालों की संख्या कम है। यू-ट्यूब के नॉलेज वीडियो इस समय दो प्रकार के हैं - सशुल्क और निशुल्क। शुल्क देकर वीडियो देखने वालों की  संख्या कम है। ज्यादातर लोग  निशुल्क नॉलेज वीडियो देखने वाले हैं। नॉलेज वीडियो की सत्यता को लेकर अलग-अलग राय है। कुछ लोग नॉलेज वीडियो की अविश्वसनीय जानकारी को मुख्य स्त्रोत से मिला कर जाँचते हैं। कोई मुद्दा यदि सामान्य है तो लोग समाचारों की भी मदद लेते हैं। कुछ उत्तरदाता विडियो की सत्यता जाँचने के लिए अन्य वीडियो का सहारा लेते हैं। नॉलेज वीडियो लोगों की  दिलचस्पी को भी बढ़ाता है।  मसलन यू-ट्यूब के नॉलेज वीडियो को देखकर बहुत से लोग प्रतियोगी परीक्षाओं की  तैयारी कर रहे हैं। कुछ उत्तरदाताओं के अनुसार  अपने मूल विषय के साथ ही, नॉलेज विडियो के कारण स्वास्थ्य व पोषण जैसे मुद्दों की  भी जानकारी बढ़ी है। उत्तरदाताओं का मानना है कि नॉलेज वीडियो के प्रस्तुतिकरण का तरीका बदला जाना चाहिए। कुछ वीडियो आँकड़ो के बारे में बहुत विस्तृत जानकारी देते है, बिना कोई सरलीकरण किए। इससे वीडियो देखना बोझिल हो जाता है। कुछ उत्तरदाताओं को लगता है कि नॉलेज वीडियो में तथ्यों के साथ छेड़-छाड़ न की जाए। कुछ उत्तरदाताओं को कोई आपत्ति  नहीं है। ज्यादातर उत्तरदाताओं का मानना है कि यू-ट्यूब पर दोनों तरह के ज्ञान के चैनल उपलब्ध हैं। इनमें कुछ औपचारिक हैं तो कुछ अनौपचारिक, परन्तु उत्तरदाताओं का कहना है कि दोनों तरह के वीडियो से उनके ज्ञान में वृद्धि होती है। कुछ प्रतिशत उत्तरदाताओं को यह भी लगता है कि नॉलेज-वीडियो से ज्ञान तो बढ़ता है, परन्तु अकादमिक स्तर पर उन्हें कोई मदद नहीं मिलती है।

 

संदर्भ :

  Smith H. (2011). Pop culture Pedagogy in Music Classroom, The Scarecrow Press Inc.

● Vasilia, A. Panagiotis, M. Maria, D. Nikolaos, S. Georgios (2015). YouTube: An educational tool in Environmental Education, International Journal of Education and Research

● Salone, B. Shonna, S. Robin, R. (2009). An Assessment of Faculty Usage of You Tube as a Teaching Resource, The Internet Journal of Allied Health Sciences and Practice.

● W. Mirjam, W. Roger, Z. Zack (2012). The YouTube Social Network

● Rahmatika, Y. Munawir, A. Leo (2021). The Effectiveness of Youtube as an Online Learning Media. Journal of Education Technology

● Ghobrin, R. (2020). Synergizing Facebook and YouTube for e-Teaching Grammer during Covid-19 Pandemic. International Journal of Education and Science.

● Kothari, C.R.. (2004). Research methodology : Methods and techniques (2nd revised edition). New Delhi: New Age International (P) Limited, Publishers.

 Cochran, William G. Sampling Techniques. , 1977. Print

 

अनुज, पीएचडी शोधार्थी

जनसंचार विभाग, मिज़ोरम विश्वविद्यालय

Thanujpratap@gmail.com, 9540306038

 

डॉ. धीरज कुमार , सहायक प्रोफेसर

जनसंचार विभाग, मिज़ोरम विश्वविद्यालय

dheeraj@mzu.edu.in

 

 अपनी माटी (ISSN 2322-0724 Apni Maati) मीडिया-विशेषांक, अंक-40, मार्च  2022 UGC Care Listed Issue

अतिथि सम्पादक-द्वय : डॉ. नीलम राठी एवं डॉ. राज कुमार व्यास, चित्रांकन : सुमन जोशी ( बाँसवाड़ा )

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