फणीश्वरनाथ रेणु विशेषांक : अनुक्रमणिका

फणीश्वरनाथ रेणु विशेषांक

अनुक्रमणिका

अपनी माटी (ISSN 2322-0724 Apni Maati)  फणीश्वरनाथ रेणु विशेषांकअंक-42, जून 2022

UGC Care Approved & Peer Reviewed/Refereed Journal
( Under List 'Multi Disciplinary' Sr. Nu. 01 )

 Facebook  YouTube । WhatsApp । Instagram । Twitter । Website

अतिथि सम्पादक : मनीष रंजन

सम्पादन सहयोग प्रवीण कुमार जोशी, मोहम्मद हुसैन डायर, मैना शर्मा और अभिनव सरोवा चित्रांकन मीनाक्षी झा बनर्जी(पटना)

सम्पादकीय 

समीक्षा 

इस बार आलाप थोड़ा लंबा है


देहाती दुनिया से आस बची हुई है


आधी आबादी की धुन तार सप्तक में गूंजनी चाहिए


मेरीगंज की माटी पुकारती रही


'क' से कविता कब सिखाया जाएगा


प्रेम में ढाई आखर पर्याप्त है


बारहखड़ी इतनी भी मुश्किल न थी


नाच और प्रलय की आंखिन देखी


परदे के पार देखने वाले नहीं रहे


पीड़ा का राग अब कौन सुनता है


प्रश्न पूछना जारी रहे भले उत्तर न मिले


कथा कहे हिरामन


आँखों-देखी कहना अब कहाँ हो पाता है

------------------------------------------------------------------------------------------------

Post a Comment

और नया पुराने