चित्तौड़गढ़ (राजस्थान) से प्रकाशित त्रैमासिक पत्रिका
अपनी स्थापना के 12वें वर्ष में प्रवेश
(ISSN 2322-0724 Apni Maati) अंक-56, नवम्बर 2024
शब्दों की दुनिया में बचपन की धुन
(बाल साहित्य विशेषांक)
अतिथि संपादक : दीना नाथ मौर्य
असिस्टेंट प्रोफ़ेसर, हिंदी एवं आधुनिक भारतीय भाषा विभाग, इलाहाबाद विश्वविद्यालय, प्रयागराज, dnmaurya@allduniv.ac.in
संपादन सहयोग : चन्द्रकांत यादव एवं आरती, आवरण डिजायन : संदीप कुमार मेघवाल आवरण चित्र : राकेश शर्मा राजदीप
अनुक्रमणिका
संपादकीय
बाल साहित्य : संदर्भ
- बच्चों को चाहिए ढेर सारी किताबें / पंकज चतुर्वेदी
- आरंभिक शिक्षा में बाल साहित्य क्यों? / खजान सिंह
- बाल साहित्य सृजन के आयाम और चुनौतियाँ / मनोहर चमोली
- लोक में बच्चों के गीत / प्रभात
- बचपन के खेल, गीत, और बाल साहित्य / ओम प्रकाश कश्यप
- भूमंडलीय दौर में बच्चे / कु. सबिता
बाल साहित्य : संवाद
- बाल साहित्य सिर्फ़ बच्चों के लिए ही नहीं बड़ों की भी अनिवार्य जरूरत (वरिष्ठ बाल साहित्यकार प्रकाश मनु से विकास दवे की बातचीत)
स्कूली शिक्षा के दायरे में
- हिंदी की बालपोथियों में शामिल कविताओं और वर्णमाला का बालमन पर प्रभाव / संगीता मौर्या
- स्कूली शिक्षा और बाल साहित्य / कुसुम अग्रवाल
लोक के रस में बचपन
- जयपुरी की लोरियाँ : पशु और मानवीय संबंध / छोटू राम मीणा
- भोजपुरी साहित्य की मौखिक परम्परा और बाल साहित्य / निरंजन कुमार यादव
हिंदीतर भाषाओँ में बाल साहित्य
- भारतीय भाषाओँ में रचित विविध बाल कविताएँ / चंद्रकांत सिंह
- तेलुगु का बाल साहित्य : एक विवेचन / गाजुला राजू
- तमिल बाल कथाओं के विविध स्वर / मधुलिका बेन पटेल
- रवीन्द्रनाथ टैगोर की बाल कविताओं में चित्रित भाव सौन्दर्य / मोती लाल
- ओड़िया भाषा में बाल साहित्य की परंपरा / जगन्नाथ मेहर
बचपन के अलक्षित संदर्भ
- दलित आत्मकथाओं में अभिव्यक्त बचपन और जीवन सौन्दर्य / रामचंद्र एवं प्रवीण कुमार
- आदिवासी बाल लोक साहित्य : मिलकर बाँचना और मिलकर नाचना / जनार्दन
- बाल किन्नरों का मनोविज्ञान और उनकी समस्याएँ / अरविंद शर्मा
- दलित समाज और बाल साहित्य / साहिल, शेफाली चौहान
- दलित आत्मकथाओं में बचपन के दंश / माणिक
बाल पत्रकारिता
- हिंदी बाल पत्रकारिता का वर्तमान परिदृश्य और बाल भारती / कु. आकांक्षा
- बाल साहित्य के विकास में पत्रिकाओं का सफ़र / कुसुम कुञ्ज मालाकार
- बालवाणी पत्रिका की कहानियों में बाल मनोविज्ञान / सचिन कुमार
हिंदी साहित्य में बचपन के प्रसंग
- बाल साहित्य परम्परा और सूर्यकांत त्रिपाठी निराला / स्वाती मिश्रा
- स्वातंत्र्योत्तर हिंदी उपन्यासों में बाल विमर्श / अंकित कुमार मौर्य
- नाच घर : बालमन की आकांक्षाओं का खुला आकाश / श्री कृष्ण यादव
- मार्कंडेय का कथा साहित्य और बाल मनोभूमि / अजय कुमार यादव
- हिंदी कविता में अभिव्यक्त बाल मन / सच्चिदानंद मिश्र
- तकनीकी के युग में बाल साहित्य / कोमल यादव
- 21वीं सदी की हिंदी बाल कविताओं में संवेदना के विविध रूप / रेणु
- कथा सम्राट प्रेमचंद की बाल कहानियाँ : एक अनुशीलन / चन्द्रकांत यादव
- बाल साहित्य का संदर्भ और हिंदी साहित्य / अंकिता तिवारी
- इक्कीसवीं सदी का हिंदी बाल साहित्य / आदिता द्विजा
- कन्हैयालाल मत्त के गीत : बाल साहित्य में राष्ट्रीयता के प्रेरक स्वर / वेद मित्र शुक्ल
- साहित्य को बाल मनोविज्ञान से जोड़ती विशिष्ट कृति : शेखर एक जीवनी / साक्षी ओझा
- हिंदी कथा साहित्य में बाल जीवन की समस्याओं का विवेचन / मीनू देवी
- छायावाद एवं छायावादोत्तर बाल कविताओं में प्रकृति प्रेम / सागर चौधरी
- अमृतलाल नागर का बाल साहित्य / ऋचा पुष्कर
- वीरेंद्र जैन के साहित्य में बाल मनोविज्ञान / कमलेश कुमारी
- बाल मनोविकास और बाल साहित्य / दीक्षा मौर्या
- जयनंदन की कहानियों में बालपात्र / रूचि कुमारी
- स्वाधीनता आन्दोलन के संदर्भ और निराला का बाल साहित्य / दीक्षा मिश्रा
- हिंदी बाल कविता में नए मूल्यों का अन्वेषण / नितेश उपाध्याय
देशांतर
- 20वीं सदी का वैश्विक परिदृश्य : स्पेनी और जर्मन भाषा साहित्य-संदर्भ / पी. कुमार मंगलम एवं शिवम मिश्र
- रूसी बाल कहानियों में बचपन का परिवेश / रितेश वर्मा
- रूसी रचनकार चेखव की कहानियों में बाल मनोविज्ञान / मीनू गेरा
बाल साहित्य : विविध प्रसंग
- चित्रकथा और बाल साहित्य / राजीव रंजन
- बच्चों की दुनिया में कॉमिक्स / सुशील सिंह
- हिंदी बाल साहित्य के विविध आयाम / राज रानी एवं मीना यादव
- हिंदी बाल साहित्य लेखन की परंपरा : एक अवलोकन / दीप शिखा शर्मा
- बाल साहित्य की चुनौतियाँ (संदर्भ : प्रकाश मनु की कविताएँ) / रीता दुबे
- सिनेमा में बाल मनोविज्ञान / तेजस पुनियां
- ए. अबुबक्कर के बाल नाटकों के परिप्रेक्ष्य में पर्यावरण चिंतन / अन्विता विश्वनाथन पी.
- बच्चों की दुनिया और तकनीक का ग्लोब / राजीव रंजन प्रसाद
- 21वीं सदी की हिंदी गज़ल में बाल विमर्श की ज़मीन / महावीर सिंह
- संस्कृत बाल साहित्य पंचतंत्र की वर्तमान संदर्भ में प्रासंगिकता / जितेंद्र थदानी
समीक्षाएं
- ‘तीसमार खां’ का नेपथ्य और रचना प्रक्रिया / प्रवीण शेखर
- ‘प्रेरणा’ एक उधमी बालक के रूपांतरण की कहानी /
अनामिका यादव
- ‘हैरी पार्टर’ पुस्तक शृंखला का विश्लेषण / अपर्णा चौधरी
- ‘अनारको के आठ दिन’ : यथार्थ से स्वप्न की यात्रा / पारस सैनी
- ‘मेरा बचपन –मैक्सिम गोर्की’ : बचपन के साथ सीखने का संदर्भ / आदित्य पाण्डेय
- बचपन की सुनहरी यादों का जीवंत दस्तावेज : ‘बाली उमर’ / विश्वजीत कलता
सम्पादक-द्वय : माणिक-जितेन्द्र यादव
परामर्श मंडल
राजेश चौधरी, अशोक जमनानी, गजेन्द्र पाठक, पयोद जोशी, तनुजा सिंह, नीलम राठी, मनीष रंजन, गजेन्द्र मीणा, राजकुमार व्यास, विंध्याचल यादव, मोहम्मद फ़िरोज़ अहमद, मुकेश कुमार मिरोठा, दीनानाथ मौर्य, जितेंद्र थदानी, गंगा सहाय मीणा
सम्पादकीय मंडल
सौरभ कुमार, प्रवीण कुमार जोशी, विष्णु कुमार शर्मा, मैना शर्मा, गोपाल गुर्जर, प्रशान्त कुमार, कविता सिंह, अभिनव सरोवा,
संदीप कुमार मेघवाल, बृजेश यादव, हेमेन्द्र सिंह सारंग देवोत
संतोष विश्नोई, हेमंत कुमार, भावना, विशाल विक्रम सिंह, शुभनीत कौशिक
प्रूफ रीडर्स क्लब
शेरिल गुप्ता, जितेन्द्र कुमार, विकास शुक्ल, हेमराज वैष्णव
पोर्टल प्रबंधन एवं प्रकाशन
गुणवंत कुमार, अर्जुन कुमार, दीपक कुमार, विक्रम कुमार
डिजायन एवं डिजिटल मार्केटिंग
चंद्रशेखर चंगेरिया (कुमावत), चेतन प्रकाशन चित्तौड़गढ़
आर्थिक सहयोग
Apni Maati Sansthan, A/c. Nu.: 33444603964, IFSC Code : SBIN0006097
State Bank of India, Branch : Chittorgarh (Rajasthan)
प्रकाशक
'अपनी माटी संस्थान चित्तौड़गढ़' ( पंजीयन संख्या 50 /चित्तौड़गढ़/2013 )
सम्पादकीय / पंजीकृत कार्यालय
कंचन-मोहन हाऊस,1, उदय विहार, महेशपुरम रोड़, चित्तौड़गढ़-312001,राजस्थान
*सभी कानूनी विवादों के लिये क्षेत्राधिकार चित्तौड़गढ़, राजस्थान होगा। प्रकाशित सभी सामग्री के विषय में किसी भी कार्यवाही हेतु संचालक/संचालकों का सीधा उत्तरदायित्त्व नही है अपितु लेखक उत्तरदायी है। आलेख की विषयवस्तु से संचालक की सहमति/सम्मति अनिवार्य नहीं है। यदि कोई भी असंवैधानिक सामग्री प्रकाशित हो जाती है तो वह तुंरत प्रभाव से हटा दी जाएगी। पाठक कोई भी आपत्तिजनक सामग्री पाते हैं तो तत्काल सूचित करिएगा।
बहुत समृद्ध अंक,ऐसा तो कोई पत्रिका नहीं निकाल रही-राज बोहरे दतिया मप्र
जवाब देंहटाएंसमृद्ध अंक.
जवाब देंहटाएंबाल साहित्य पर विपुल सामाग्री.
दीनानाथ जी का श्रम दिख रहा है.
सम्पादक मंडल को हार्दिक बधाई.
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