शोध आलेख : कृत्रिम बुद्धिमत्ता का भविष्य में ग्रंथालयों पर प्रभाव/ डॉ. विकास नगराले,




कृत्रिम बुद्धिमत्ता का भविष्य में ग्रंथालयों पर प्रभाव

 डॉ. विकास  नगराले

 

 

शोधसार:कृत्रिम बुद्धि (एआई) कंप्यूटर विज्ञान की एक शाखा है जो मशीनों को बुद्धिमान बनाने के लिए डिज़ाइन करती है। एआई सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर का उपयोग करके मशीनों को समस्या-समाधान, सीखने, और निर्णय लेने जैसे कार्यों को करने के लिए सक्षम बनाता है।एआई का उपयोग कई अलग-अलग क्षेत्रों में किया जाता है, जिसमें शामिल हैं:स्वास्थ्य: एआई का उपयोग डॉक्टरों को निदान करने, दवाओं की सिफारिश करने, और रोगियों की देखभाल करने में मदद करने के लिए किया जाता है।वित्त: एआई का उपयोग निवेश निर्णय लेने, जोखिम को कम करने, और धोखाधड़ी का पता लगाने में मदद करने के लिए किया जाता है।सॉफ्टवेयर: एआई का उपयोग स्पॉन्सोकिंग, ट्रांसलेशन, और ऑटोमेटिक राइटिंग जैसे कार्यों को स्वचालित करने के लिए किया जाता है।शिक्षा: एआई का उपयोग छात्रों को व्यक्तिगत रूप से सीखने में मदद करने, कक्षा को अधिक सक्रिय बनाने, और छात्रों के लिए अधिक लचीलेपन प्रदान करने के लिए किया जाता है।एआई एक तेजी से विकसित क्षेत्र है, और इसका उपयोग हमारे जीवन के कई क्षेत्रों में होने की संभावना है।पुस्तकालय: पुस्तक खोज और अनुक्रमण: एआई का उपयोग पुस्तकों को खोजने और अनुक्रमित करने के लिए किया जा सकता है। यह पुस्तकालयों को अपने संग्रहों को अधिक कुशलता से प्रबंधित करने और उपयोगकर्ताओं को अधिक आसानी से जानकारी तक पहुंचने में मदद कर सकता है।

बीज शब्द: कृत्रिम बुद्धि, पुस्तकालय,पुस्तक खोज, सॉफ्टवेयर, कंप्यूटर विज्ञान, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, एआई,सीखने की मशीन, एआई सिस्टम, सूचना प्राप्ति और खोज,

प्रस्तावना: कृत्रिम बुद्धिमत्ता में उन्नतियाँ जो  गंभीर अध्ययन और अनुसंधान का विषय है जो  पिछले दशकों में गति से विकसित घटित घटना को दर्शाया है।इस क्षेत्र में मानव जाति के लिए नए वैज्ञानिकों की ओर से बढ़ोतरी हो रही है, जिसमें यह शामिल है कि मानवतावादी सोच और विचार की प्रक्रिया को नकल कर आकर्षक किया  जा सकता है।इस शोध  में, हम उन्नत तकनीकी विकासों की दिशा में एक नज़र डालेंगे जो कृत्रिम बुद्धिमत्ता में अद्भुत हो रही हैं।  विकास और प्रगति का एक अवलोकन प्रस्तुत करेंगे। मशीन के सीखने की उन्नतियाँ, मशीन सीखने के क्षेत्र में हो रहे उन्नत विकास पर हम इस खंड में विचार करेंगे, जिसमें सुपर विधि, अनुप्रयुक्तता और स्वतंत्रता से सीखने के तकनीशियन की चर्चा होगी। न्यूरल नेटवर्क और गहरी शिक्षा   में, हम न्यूरल नेटवर्क के विकास में हुई उन्नतियों की विस्तार से जांच की  और कैसे गहरी शिक्षा के सिस्टम ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता  की मदद की है, वह विश्लेषित किया ।  यह खंड कृत्रिम बुद्धिमत्ता  के विकास में आने वाले नैतिक और संबंधित उद्देश्यों पर ध्यान केंद्रित करता है। अद्भुत अनुकूलन: इस खंड में, हम चर्चा  कि है विभिन्न क्षेत्रों में किस तरह की कृत्रिमता लागू की जा सकती है जैसे कि स्वास्थ्य, वित्त, उद्यमिता, और पुस्तकालय में इसका उपयोग  इत्यादि ।

इतिहास: कृत्रिम बुद्धि (एआई) का इतिहास लंबा और उतार-चढ़ाव वाला रहा है। एआई की शुरुआत 1950 के दशक में हुई, जब वैज्ञानिकों ने मशीनों को बुद्धिमान बनाने के लिए कुछ प्रारंभिक तरीकों का प्रस्ताव रखा। हालांकि, इस समय के दौरान एआई की प्रगति धीमी थी।

1960 के दशक में, एआई में एक उछाल आया, और कई महत्वपूर्ण प्रगति हुई। इस समय के दौरान, वैज्ञानिकों ने एआई के लिए नए सिद्धांतों और विधियों का प्रस्ताव रखा, और एआई सिस्टम ने समस्या-समाधान और सीखने में महत्वपूर्ण प्रगति की।

1970 के दशक में, एआई में एक मंदी आई। इस समय के दौरान, वैज्ञानिकों ने एआई के लिए कुछ कठिन समस्याओं का सामना किया, और एआई सिस्टम की प्रभावशीलता में गिरावट आई।

1980 के दशक में, एआई में एक नई उछाल आई। इस समय के दौरान, वैज्ञानिकों ने एआई के लिए नए तरीकों और तकनीकों का विकास किया, और एआई सिस्टम ने फिर से समस्या-समाधान और सीखने में महत्वपूर्ण प्रगति की।

1990 के दशक से लेकर आज तक, एआई में एक तेजी से विकास हुआ है। इस समय के दौरान, एआई सिस्टम ने कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं, और एआई का उपयोग कई अलग-अलग क्षेत्रों में किया जा रहा है।

एआई के भविष्य के बारे में बहुत कुछ अज्ञात है, लेकिन यह संभावना है कि एआई क्षेत्र में और अधिक विकास होगा, और एआई का उपयोग हमारे जीवन के कई क्षेत्रों में होने की संभावना है।

कृत्रिम बुद्धिमत्ता के इतिहास में कुछ उदाहरण इस प्रकार हैं:

• 1950: एलन ट्यूरिंग ने अपना पेपर, "कंप्यूटिंग मशीनरी एंड इंटेलिजेंस" प्रकाशित किया, जो ट्यूरिंग टेस्ट पेश करता है, जो एक मशीन की बुद्धिमत्ता का मूल्यांकन करने के लिए एक मानक है।

• 1956: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर डार्टमाउथ समर रिसर्च प्रोजेक्ट आयोजित किया गया, जिसे एआई के क्षेत्र की शुरुआत माना जाता है।

• 1965: एडवर्ड फेगेनबाम ने पहली विशेषज्ञ प्रणाली डेन्ड्रल विकसित की, जो रसायनज्ञों को कार्बनिक यौगिकों की पहचान करने में मदद करती है।

• 1975: जोसेफ वेइज़ेनबाम ने एलिज़ा नामक एक कंप्यूटर प्रोग्राम विकसित किया, जो रोजेरियन मनोचिकित्सक का अनुकरण करता है।

• 1985: पहला शतरंज कार्यक्रम, डीप थॉट, एक मानव ग्रैंडमास्टर को हराता है।

• 1997: आईबीएम के डीप ब्लू ने विश्व शतरंज चैंपियन गैरी कास्पारोव को हराया।

• 2011: Google के Deep Mindप्रोग्राम ने एक पेशेवर Go प्लेयर को हरा दिया।

• 2016: डीपमाइंड के गो प्रोग्राम का एक नया संस्करण, अल्फ़ागो ज़ीरो, अल्फ़ागो को एक महत्वपूर्ण अंतर से हरा देता है।

• 2018: GPT-2, OpenAI द्वारा विकसित एक बड़ा भाषा मॉडल, ऐसे पाठ उत्पन्न करता है जो मानव-लिखित पाठ से अप्रभेद्य है।

• 2020: GPT-2 का बड़ा और अधिक शक्तिशाली संस्करण GPT-3 जारी किया गया। ये कृत्रिम बुद्धिमत्ता के इतिहास में कई मील के पत्थर में से कुछ हैं। यह उज्ज्वल भविष्य वाला एक रोमांचक क्षेत्र है और यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले वर्षों में इसमें क्या नए विकास होते हैं।

कृत्रिम बुद्धि (एआई) का पुस्तकालयों में उपयोग: कृत्रिम बुद्धि (एआई) का उपयोग पुस्तकालयों में कई तरह से किया जा सकता है। कुछ उदाहरणों में शामिल हैं:

     पुस्तक खोज और अनुक्रमण: एआई का उपयोग पुस्तकों को खोजने और अनुक्रमित करने के लिए किया जा सकता है। यह पुस्तकालयों को अपने संग्रहों को अधिक कुशलता से प्रबंधित करने और उपयोगकर्ताओं को अधिक आसानी से जानकारी तक पहुंचने में मदद कर सकता है।

     परामर्श: एआई का उपयोग उपयोगकर्ताओं को पुस्तकालयों की सेवाओं के बारे में सलाह देने के लिए किया जा सकता है। यह पूछताछ का जवाब देने और उपयोगकर्ताओं को सही संसाधनों तक निर्देशित करने में पुस्तकालयों की मदद कर सकता है।

     भाषा अनुवाद: एआई का उपयोग भाषाओं के बीच अनुवाद करने के लिए किया जा सकता है। यह पुस्तकालयों को अपनी सेवाओं को एक विस्तृत श्रृंखला के उपयोगकर्ताओं के लिए उपलब्ध कराने में मदद कर सकता है।

     स्वचालन: एआई का उपयोग पुस्तकालयों के कई कार्यों को स्वचालित करने के लिए किया जा सकता है। यह पुस्तकालयों को अधिक कुशलता से काम करने और लागत को कम करने में मदद कर सकता है।

     सीखने की मशीन: एआई का उपयोग पुस्तकालयों को उपयोगकर्ताओं के व्यवहार के बारे में सीखने और अपनी सेवाओं को अनुकूलित करने के लिए किया जा सकता है। यह पुस्तकालयों को अधिक प्रासंगिक और उपयोगी जानकारी प्रदान करने में मदद कर सकता है।

एआई का उपयोग पुस्तकालयों को अपनी सेवाओं को बेहतर बनाने और उपयोगकर्ताओं को अधिक सक्षम बनाने में मदद कर सकता है। यह एक तेजी से विकसित क्षेत्र है, और यह संभावना है कि एआई का उपयोग पुस्तकालयों में और अधिक तरीकों से किया जाएगा।

 

यहां कुछ विशिष्ट उदाहरण दिए गए हैं कि आज पुस्तकालयों में एआई का उपयोग कैसे किया जा रहा है:

न्यूयॉर्क पब्लिक लाइब्रेरी उपयोगकर्ताओं को उनके पिछले पढ़ने के इतिहास के आधार पर पुस्तकों की अनुशंसा करने के लिए AI का उपयोग करती है।

कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, बर्कले छात्रों के लिए व्यक्तिगत शिक्षण पथ बनाने के लिए एआई का उपयोग करता है।

ब्रिटिश लाइब्रेरी ऐतिहासिक दस्तावेज़ों को लिपिबद्ध करने के लिए AI का उपयोग करती है।

नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन नई दवाओं और उपचारों को विकसित करने के लिए एआई का उपयोग करता है।

ये उन कई तरीकों के कुछ उदाहरण हैं जिनसे आज पुस्तकालयों में एआई का उपयोग किया जा रहा है। यह उज्ज्वल भविष्य वाला एक रोमांचक क्षेत्र है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले वर्षों में पुस्तकालयों में एआई का उपयोग कैसे जारी रहेगा।

कृत्रिम बुद्धि (एआई) के साथ पुस्तकालयों का भविष्य उज्ज्वल है। एआई पुस्तकालयों को अपनी सेवाओं को बेहतर बनाने और उपयोगकर्ताओं को अधिक सक्षम बनाने में मदद कर सकता है।

एआई पुस्तकालयों को निम्नलिखित तरीकों से मदद कर सकता है:

एआई का उपयोग पुस्तकों को खोजने और अनुक्रमित करने के लिए किया जा सकता है। यह पुस्तकालयों को अपने संग्रहों को अधिक कुशलता से प्रबंधित करने और उपयोगकर्ताओं को अधिक आसानी से जानकारी तक पहुंचने में मदद कर सकता है।एआई का उपयोग उपयोगकर्ताओं को पुस्तकालयों की सेवाओं के बारे में सलाह देने के लिए किया जा सकता है। यह पूछताछ का जवाब देने और उपयोगकर्ताओं को सही संसाधनों तक निर्देशित करने में पुस्तकालयों की मदद कर सकता है।एआई का उपयोग भाषाओं के बीच अनुवाद करने के लिए किया जा सकता है। यह पुस्तकालयों को अपनी सेवाओं को एक विस्तृत श्रृंखला के उपयोगकर्ताओं के लिए उपलब्ध कराने में मदद कर सकता है।एआई का उपयोग पुस्तकालयों के कई कार्यों को स्वचालित करने के लिए किया जा सकता है। यह पुस्तकालयों को अधिक कुशलता से काम करने और लागत को कम करने में मदद कर सकता है।एआई का उपयोग पुस्तकालयों को उपयोगकर्ताओं के व्यवहार के बारे में सीखने और अपनी सेवाओं को अनुकूलित करने के लिए किया जा सकता है। यह पुस्तकालयों को अधिक प्रासंगिक और उपयोगी जानकारी प्रदान करने में मदद कर सकता है।

एआई का उपयोग पुस्तकालयों को अपनी सेवाओं को बेहतर बनाने और उपयोगकर्ताओं को अधिक सक्षम बनाने में मदद कर सकता है। यह एक तेजी से विकसित क्षेत्र है, और यह संभावना है कि एआई का उपयोग पुस्तकालयों में और अधिक तरीकों से किया जाएगा।यहां कुछ विशिष्ट उदाहरण दिए गए हैं कि आज पुस्तकालयों में एआई का उपयोग कैसे किया जा रहा है:एआई का उपयोग उपयोगकर्ताओं को पुस्तकें अनुशंसा करने के लिए किया जा सकता है। यह उपयोगकर्ताओं की रुचियों और पिछले पठन इतिहास के आधार पर पुस्तकें सुझा सकता है।व्यक्तिगत शिक्षण पथ: एआई का उपयोग छात्रों के लिए व्यक्तिगत शिक्षण पथ बनाने के लिए किया जा सकता है। यह छात्रों की सीखने की शैली और रुचियों के आधार पर पाठ्यक्रम और संसाधनों की सिफारिश कर सकता है।भाषा मॉडल: एआई का उपयोग भाषा मॉडल बनाने के लिए किया जा सकता है। ये मॉडल उपयोगकर्ताओं को भाषाओं के बीच अनुवाद करने, पाठ को संश्लेषित करने और प्रश्नों का उत्तर देने में मदद कर सकते हैं।स्वचालित सार: एआई का उपयोग स्वचालित रूप से पुस्तकों और अन्य दस्तावेजों के सारांश बनाने के लिए किया जा सकता है। यह उपयोगकर्ताओं को जानकारी को जल्दी और आसानी से खोजने में मदद कर सकता है।कृत्रिम बुद्धिमत्ता से चलने वाले काउंटर: पुस्तकालयों में एआई से चलने वाले काउंटर स्थापित किए जा सकते हैं। ये काउंटर उपयोगकर्ताओं को पुस्तकें और अन्य संसाधनों को निकालने और वापस करने में मदद कर सकते हैं।

कृत्रिम बुद्धिमत्ता के साथ नया भविष्य क्या हो सकता है:

कृत्रिम बुद्धिमत्ता के विकास ने मानव समाज को नये दिशानिर्देशों की ओर ले जाने की संभावना पैदा की है। यह संभावित है कि आने वाले वर्षों में हम एक नए विश्व का सामना कर सकते हैं जिसमें कृत्रिम बुद्धिमत्ता एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।नए भविष्य में, हम साक्षात्कार में कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग देख सकते हैं जहाँ मानव और कृत्रिम बुद्धिमत्ता एक साथ काम करके नए विकासों को संजोएंगे। विभिन्न क्षेत्रों में जैसे कि विज्ञान, चिकित्सा, गणित, और अन्य, मानव-कृत्रिम सहयोग नए समाधान प्रदान कर सकता है।कृत्रिम बुद्धिमत्ता के साथ, हम स्वांशिकीकरण की दिशा में बढ़ रहे हैं। घरेलू और व्यावासिक कार्यों में कृत्रिम सहायक उपकरण हमें समय और प्रयास में कमी प्रदान कर सकते हैं।नये भविष्य में, हमें कृत्रिम बुद्धिमत्ता के उपयोग में नैतिकता और न्याय की दिशा में सुनिश्चित करने की जरूरत होगी। साथ ही, यह महत्वपूर्ण होगा कि हम कृत्रिम सिस्टमों की सुरक्षा को मजबूत बनाएं ताकि उनका दुरुपयोग और अवैध प्रवृत्तियों से बचा जा सके।कृत्रिम बुद्धिमत्ता के साथ, शिक्षा का तरीका भी बदल सकता है। व्यक्तिगत शिक्षा सहायता, उच्चतम शिक्षा के लिए नए तरीके और सीखने की संवेदनशीलता में वृद्धि - ये सभी कृत्रिम बुद्धिमत्ता के प्रयोग से संभव हो सकते हैं।नये भविष्य में, हम एक समाज की ओर बढ़ रहे हैं जिसमें कृत्रिम बुद्धिमत्ता से सहायता मिलती है, समस्याओं का समाधान होता है और नए दृष्टिकोण प्राप्त होते हैं।कृत्रिम बुद्धिमत्ता के साथ नये भविष्य में हमारे समाज में नए संभावित दिशानिर्देश और सुधार आने की संभावना है।

पुस्तकालय स्वचालन में कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग:

पुस्तकालय स्वचालन मानव संचालित प्रक्रियाओं को सुगमता से संचालित करने में मदद करने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग करता है। यह प्रक्रियाएँ इनफॉर्मेशन प्रबंधन, सूचना प्राप्ति और पुस्तकों के प्रबंधन को सुगम बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।कृत्रिम बुद्धिमत्ता के साथ, पुस्तकालयों में सूचना प्राप्ति की प्रक्रिया तेज़ी से हो सकती है। उपयोगकर्ताओं के लिए बेहतर खोज परिणाम प्राप्त करने में मदद की जा सकती है, जिससे वे आवश्यक जानकारी को त्वरित रूप से प्राप्त कर सकते हैं।कृत्रिम बुद्धिमत्ता से, पुस्तकों के प्रबंधन में सुधार किए जा सकते हैं। यह सिस्टम पुस्तकों की स्थिति, उपलब्धता, और उधारण को स्वचालित रूप से प्रबंधित कर सकता है।कृत्रिम बुद्धिमत्ता के साथ, पुस्तकालय संग्रहण और वितरण की प्रक्रिया को स्वचालित बनाने में सहायक हो सकता है। पुस्तकों की परिस्थितियों और उपयोगकर्ताओं की मांग के आधार पर पुस्तकों का संग्रहण और वितरण प्रबंधित किया जा सकता है।कृत्रिम बुद्धिमत्ता के उपयोग से, पुस्तकालय उपयोगकर्ताओं को बेहतर सेवा प्रदान कर सकते हैं। यह उपयोगकर्ताओं की पसंदों, प्राथमिकताओं और सुझावों का अध्ययन करके सेवाएं सजग कर सकता है।कृत्रिम बुद्धिमत्ता का पुस्तकालय स्वचालन में उपयोग मानव कार्यों को आसानी से संचालित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। यह सुगमता, दक्षता और उपयोगकर्ता सेवा में सुधार प्रदान करके पुस्तकालय सेवाओं को और भी उत्कृष्ट बना सकता है।एआई का उपयोग पुस्तकालय स्वचालन में कई तरह से किया जा सकता है, और यह एक तेजी से विकसित क्षेत्र है। यह संभावना है कि एआई का उपयोग पुस्तकालय स्वचालन में भविष्य में और अधिक तरीकों से किया जाएगा।

निष्कर्ष :

एआई का उपयोग उपयोगकर्ताओं को पुस्तकें अनुशंसा करने के लिए किया जा सकता है। यह उपयोगकर्ताओं की रुचियों और पिछले पठन इतिहास के आधार पर पुस्तकें सुझा सकता है।व्यक्तिगत एआई का उपयोग छात्रों के लिए व्यक्तिगत शिक्षण पथ बनाने के लिए किया जा सकता है। यह छात्रों की सीखने की शैली और रुचियों के आधार पर पाठ्यक्रम और संसाधनों की सिफारिश कर सकता है।एआई का उपयोग भाषा मॉडल बनाने के लिए किया जा सकता है। ये मॉडल उपयोगकर्ताओं को भाषाओं के बीच अनुवाद करने, पाठ को संश्लेषित करने और प्रश्नों का उत्तर देने में मदद कर सकते हैं।एआई का उपयोग स्वचालित रूप से पुस्तकों और अन्य दस्तावेजों के सारांश बनाने के लिए किया जा सकता है। यह उपयोगकर्ताओं को जानकारी को जल्दी और आसानी से खोजने में मदद कर सकता है।पुस्तकालयों में एआई से चलने वाले काउंटर स्थापित किए जा सकते हैं। ये काउंटर उपयोगकर्ताओं को पुस्तकें और अन्य संसाधनों को निकालने और वापस करने में मदद कर सकते हैं।ये उन कई तरीकों के कुछ उदाहरण हैं जिनसे आज लाइब्रेरी ऑटोमेशन में एआई का उपयोग किया जा रहा है। यह उज्ज्वल भविष्य वाला एक रोमांचक क्षेत्र है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले वर्षों में लाइब्रेरी ऑटोमेशन में एआई का उपयोग कैसे जारी रहेगा। पुस्तकालयों को गतिशील, उपयोगकर्ता-केंद्रित स्थानों में बदलने की क्षमता जहां जानकारी है, आसानी से सुलभ, और सेवाएँ व्यक्तिगत आवश्यकताओं के अनुरूप होती हैं। एआई की शक्ति का उपयोग करके,पुस्तकालय अपनी दक्षता बढ़ा सकते हैं, अपनी पहुंच का विस्तार कर सकते हैं और नवीन अनुभव प्रदान कर सकते हैं , जैसे-जैसे एआई का विकास जारी है, पुस्तकालयों को इन तकनीकों को अपनाना चाहिए।

संदर्भ:

1) जो ए. हेविट, "इंटेलिजेंट लाइब्रेरी सिस्टम्स: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टेक्नोलॉजी एंड लाइब्रेरी ऑटोमेशन सिस्टम्स", एडवांसेज इन लाइब्रेरी ऑटोमेशन एंड नेटवर्किंग, खंड । 4, 1-23. ग्रीनविच, सीटी: जेएआई प्रेस, 1991http://www.elsevier.com

2) मोहित गुप्ता, श्री देवी जेटी, “लाइब्रेरी इन एवरीवनस पॉकेट विथ रिफरेन्स टू बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी ऍप ”, इन IEEE 5TH इंटरनेशनल सिम्पोजियमऑन  इमर्जिंग ट्रेंड्स एंड टेक्नोलॉजीज इन  लाइब्रेरीज एंड इनफार्मेशन सर्विसेस (ETTLIS), फेब. २०१८।

3) आर.आर. नादिकट्टू, 2016 द इमर्जिंग रोल ऑफ़ आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस इन मॉडर्न सोसाइटी।  इंटरनेशनल जर्नल्स ऑफ़ क्रिएटिविटी रिसर्च थॉट्स।  4, 4 ,906-911

4) राहुल रेड्डी नादिकट्टू। 2017। द सुप्रीमसी ऑफ़ आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस एंड न्यूरल नेटवर्क्स.  इंटरनेशनल जर्नल ऑफ़ क्रिएटिव  रिसर्च थॉट्स, खंड 5, अंक 1, 950-954

5)योगेश अंगल, अनिता गाडे, “डेवलप्मेंट ऑफ़ लाइब्रेरी मैनेजमेंट रोबोटिक सिस्टम ”, इन IEEE इंटरनेशनल कॉनफेरेन्स ऑन डाटा मॅनॅग्मेंट , एनालिटिक्स एंड इनोवेशन (ICDMAI),फेब।   2017

6) योर्डी, एल. (2021)। द लाइब्रेरी ऑफ़ बाबेल फॉर प्रायर आर्ट :ऊज़िंग आर्टिफिशल इंटेलिजेंस टू मास प्रोडक्ट प्रायर आर्ट इनपेटेंट लॉ।  वांडरबिल्ट लॉ रिव्यु ,74(2), 521

 


डॉ. विकास नगराले,

ग्रंथपाल,

अंजुमन कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, सदर, नागपुर,

महाराष्ट्र, पिन कोड:  ४४०००१

M: 937279522,

email:  vikas.snagrale.@gmail.com

 

अपनी माटी (ISSN 2322-0724 Apni Maati)  अंक-41, अप्रैल-जून 2022 UGC Care Listed Issue

सम्पादक-द्वय : माणिक एवं जितेन्द्र यादव, चित्रांकन सत्या सार्थ (पटना)


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