सिनेमा विशेषांक / Cinema Visheshank of Apni Maati

 'अपनी माटी' के 'सिनेमा विशेषांक' हेतु स्वीकृत आलेखों की अनंतिम (Semi Final) सूची जारी

                                                                                                                                 साभार : गूगल 

चित्तौड़गढ़ (राजस्थान) से प्रकाशित त्रैमासिक ई-पत्रिका
अपनी स्थापना के 11वें वर्ष में प्रवेश
अपनी माटी
( साहित्य और समाज का दस्तावेज़ीकरण )
UGC Care Listed 
(Under List 'Multi-Disciplinary' Sr. No. 03)
(ISSN 2322-0724 Apni Maati) अंक - .... दिसम्बर 2024

 

सिनेमा विशेषांक

 सम्पादक
जितेन्द्र यादव
असिस्टेंट प्रोफ़ेसर (हिंदी विभाग), सकलडीहा पी.जी. कालेज, सकलडीहा ( उत्तर प्रदेश )
सम्पर्क : jitendrayadav.bhu@gmail.com, 9001092806


सहयोग 
विनोद कुमार
असिस्टेंट प्रोफेसर  (हिन्दी विभाग), लाल बहादुर शास्त्री पीजी कॉलेज मुगलसराय, चंदौली ( उत्तर प्रदेश )
सम्पर्क : vinodhemayadav@gmail. com, 9621674298


        स्वीकृत आलेखों की अनंतिम (Semi Final) सूची

·         संपादकीय : जितेंद्र यादव


1.    हिंदी सिनेमा की यात्रा : कल और आज : सुनील कुमार
2.     सिनेमाई पर्दें पर चित्रित भारतीय विमर्श की तस्वीर : श्यौराज सिंह ‘बेचैन’
3.     21वीं सदी के हिंदी सिनेमा में स्त्री-प्रतिरोध की अनुगूंज : शशिकला जायसवाल
4.    अभिशप्त समाज के सिनेमा की विसंगतियां, प्रतिरोध एवं संभावनाएँ : कन्हैया त्रिपाठी
5.    आधुनिक जीवन संदर्भ और हिंदी सिनेमा : बृजेश यादव
6.    कहानी और सिनेमा के अंतर्संबंध का ऐतिहासिक परिदृश्य : ज्ञान चन्द्र पाल
7.     कृषि में महिलाओं की भूमिका और हिन्दी फिल्म ‘मदर इंडिया’ : चौधरी राजेन्द्र कुमार एस.
8.    गुलज़ार के हिन्दी सिने गीतों में स्त्री-मन : रश्मि सिंह
9.    डिजिटल युग में सेंसरशिप : ओटीटी प्लेटफार्मों पर नियंत्रण की चुनौतियाँ : सुमन यादव
10.  डिजिटल सिनेमा ओटीटी प्लेटफार्म और पूर्वी उत्तर प्रदेश पर आधारित कुछ वेब सीरीज एवं उसकी प्रासंगिकता : प्रवीण कुमार मिश्र
11.   स्वीकृति बनाम पूर्वाग्रह : ‘मर्डर इन माहिम’ वेब सीरीज में समलैंगिकता और समलैंगिक संबंधों के प्रति सामाजिक दृष्टिकोण का अध्ययन : अनुपम भारती
12.   नारी चेतना व सशक्तिकरण में चलचित्र की भूमिका : विश्वास शर्मा,  एस. के. स्वाईं
13.   पौरुष को अग्निस्नात कराने वाली फिल्म ‘अग्निस्नान’ : एक अवलोकन : रीतामणि वैश्य
14.  भारत में निर्मित नेपाली भाषा की लघु फिल्मों का परिचयात्मक अध्ययन : मायादेवी शर्मा
15.  भारतीय कला सिनेमा : परंपरा, प्रवृत्तियाँ और प्रभाव : हसन युनुस पठान
16.  भारतीय सिनेमा और फिल्म थिएटरों पर ओटीटी ऐप्स के प्रभाव का विश्लेषण : राहुल आहूजा
17.   सिनेमा का भारतीय संस्कृति पर प्रभाव : आलोचनात्मक विश्लेषण : रिंकी
18.   भारतीय सिनेमा का विद्रोही चेहरा : दीपक कुमार
19.  भारतीय सिनेमा की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में सेंसर बोर्ड और सरकार का हस्तक्षेप : ज्योत्सना सिन्हा
20. भारतीय सिनेमा पर शीर्ष मंच (ओटीटी) का प्रभाव : सिद्धार्थ मिश्र, आशुतोष मिश्रा, सूरज कुमार मौर्य
21.   भारतीय सिनेमा में इफ़ेक्टस और ऐनिमेशन की कांति : भारतीय सिनेमा में इफ़ेक्टस और ऐनिमेशन की कांति
22.  भारतीय सिनेमा में दलित प्रतिनिधित्व का प्रश्न : मंजुल कुमार सिंह, शिखा सिंह
23.  भारतीय सिनेमा में दलित समुदाय का चित्रण और बदलते पहलू : साहिल
24.  भारतीय सिनेमा में राष्ट्रवाद : अखिल कुमार, नरेंद्र कुमार बिश्नोई
25.  भारतीय हिंदी सिनेमा और बायोपिक : वर्षा
26.  मराठी सिनेमा का सफर : प्रमोद भगवान पडवल
27.  मलयालम सिनेमा का वर्तमान : सुमित पी.वी.
28.  अभिनेत्री वहीदा रहमान का जीवन और उनकी फिल्में : पूरन जोशी
29.  बिराज-बहू : कृति से सिने रूपांतरण तक : अभिषेक मिश्र
30. बाल मनोविज्ञान केंद्रित हिन्दी सिनेमा : कंचन
31.   सब कुछ सीखा हमने न सीखी होशियारी : प्रियदर्शिनी
32.  समकालीन समानांतर हिन्दी सिनेमा में स्त्री सशक्तिकरण के विविध आयाम : मनोज कुमार सैनी
33.  सिनेमा और फिल्म पत्रकारिता : भारती शांडिल्य
34.  सिनेमा और समाज : सिनेमा में विभिन्न सामाजिक मुद्दों का प्रतिनिधित्व : विजया बाला, गोविंद जी पांडे
35.  सिनेमा के रुपहले पर्दे पर महात्मा गांधी : सुधीर कुमार, सत्यपाल यादव
36.  हिंदी सिनेमा में अभिव्यक्त वृद्ध मनोभाव : कोमल कुमारी
37.  समांतर सिनेमा और स्मिता पाटिल : अभिनय, प्रतिरोध और संघर्ष : ऋषभ पाण्डेय    
38.  स्वातंत्र्योत्तर हिंदी सिनेमा और राष्ट्र निर्माण की चुनौतियाँ : सुरेंद्र कुमार
39.  स्वतंत्र्योत्तर भारतीय भाषाओं का सिनेमा और तत्कालीन सामाजिक परिदृश्य : नितेश मिश्र
40. हिंदी फिल्मी गीतों में प्रगतिशील चेतना : रतन लाल
41.  हिंदी सिनेमा और दलित मुक्ति के प्रश्न : विकास कुशवाहा 
42.  हिंदी सिनेमा के नायक गुरुदत्त की फिल्में : सामाजिक यथार्थ और संवेदनशीलता का संगम : रूबी पाण्डेय, बीर पाल सिंह यादव
43.  हिंदी सिनेमा में नायिकाओं की बदलती भूमिकाएं : पूनम शर्मा
44. हिन्दी की लोकप्रियता में सिनेमा का योगदान : सिन्धु सुमन
45.  हिन्दी फिल्मों में आत्महत्या : समस्या निवारण या ट्रेजेडी का नया आख्यान : तरुण कुमार
46. हिन्दी सिनेमा में एंटी-हीरो और ट्रैजिक-हीरो की बढ़ती प्रवृत्ति : प्रिया कुमारी
47.  हिन्दी सिनेमा में नवाचार के विविध पक्ष : रक्षा गीता
48.  हिन्दी सिनेमा में बाल सिनेमा के विविध पक्ष : पूजा सिंह
49.  साहिर लुधियानवी के सिने-गीतों में नारी चेतना : रेखा शेखावत
50. हरियाणवी सिनेमा : परंपरा, प्रयोग और आधुनिकता की यात्रा : रोबिन
51.  मणिपुरी सिनेमा : अस्मिता का संघर्ष : एलाङबम विजय लक्ष्मी
52.  साहित्य और सिनेमा का अंतर्संबंध तथा हिंदी सिनेमा : महेन्द्र कुमार
53.  भोजपुरी सिनेमा : सामाजिक और सांस्‍कृतिक यथार्थ के आयाम : जितेंद्र कुमार यादव
54.  हरियाणवी सिनेमा की विकास यात्रा : कमलेश कुमारी
55.   मूक सिनेमा में भारतीय ज्ञान परम्परामहेंद्र प्रजापति 
56.  हिंदी एनीमेटेड सिनेमा में भारतीय ज्ञान परम्परा का बोध : प्रियंका
57.  सिनेमा भीतर सिनेमा : अनंत विजय पालीवाल
58.  भूमंडलीकरण के दौर के सिनेमा में लोक भाषा का प्रश्न : प्रभात यादव
59.  इक्कीसवीं सदी के हिन्दी सिनेमा के प्रतिमान : यतीन्द्र सिंह कुशवाह
60.    सागर की तरह हैं मृणाल सेन की फिल्मेंनिकिता जैन 
61.  शैलेंद्र और राजकपूर : सिनेमाई साझेदारी का प्रभाव विश्लेषण : मनीषा प्रकाश  संदीप कुमार दुबे
62. तवायफ़ों की छवि और हिंदी सिनेमा : इतिहास, राजनीति और पितृसत्ता का पुनर्पाठ : श्वेता तिवारी, मनीष कुमार ‘त्रिगुणायत’
63.  विकलांगता के संदर्भ में हिंदी सिनेमा द्वारा सामाजिक अभिवृत्तिक विकास में भूमिका का अध्ययन : राजेन्द्र प्रसाद  
                          
( प्रूफ रीडिंग का काम जारी है और अंक प्रकाशन की संभावित तिथि 15/01/2025 है )
(नोट : विशेषांक के बारे में केवल अतिथि संपादक से सम्पर्क : jitendrayadav.bhu@gmail.com पर ही संवाद करिएगा. )

नोट- ‘सिनेमा विशेषांक’हेतु स्वीकृत लेखों की यह सूची अंतिम नहीं है. सुधार और पुनर्लेखन की प्रक्रिया के साथ इस सूची में बदलाव हो सकता है. अस्वीकृत रचनाओं और शोधपत्रों के रचनाकारों तथा शोधार्थियों को दिए गये ई-मेल पर सूचना दी जा रही है. आप सभी ने ‘अपनी माटी’ के इस विशेषांक के लिए रचनात्मक सहयोग दिया हम आपके आभारी हैं. – संपादक, सिनेमा विशेषांक ‘अपनी माटी’