'अपनी माटी' का 24वाँ अंक अनुक्रमणिका

  
               

  









त्रैमासिक ई-पत्रिका


  वर्ष-3,अंक-24,मार्च,2017
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सम्पादकीय 

नाटक  

आलोचकीय 

शैक्षिक सरोकार 

प्रवासी दुनिया 

आधी दुनिया 

सिने-दुनिया 

उपन्यास अंश 

आलेखमाला 
त्रिलोचन: दृष्टि और सृष्टि - आरती

कविता - संगम

दलित विमर्श 

साक्षात्कार

समीक्षा 

कहानी 

शोधमाला 

हस्तक्षेप 

लोकरंग 

5 टिप्पणियाँ

  1. आदरणीय संपादक महोद्य,अपनी माटी का नया अंक मिला I सभी स्तंभ और कहानिया बहूत उत्कृष्ट और चिंतनीय लगी I आशा है आनेवाले अंक इसी तॅरह होगे I
    आपका
    प्रवीण महेशकर
    पुणे
    7023204432

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    उत्तर
    1. धन्यवाद प्रवीण जी, आप पाठकों और लेखकों के सहयोग से यह संभव हो पाता है।

      हटाएं
  2. धन्यवाद, उर्मिला जी, आप सभी पाठकों का प्रोत्साहन हमारे लिए संबल है.

    जवाब देंहटाएं
  3. संग्रहणीय अंक.... धन्यवाद

    जवाब देंहटाएं

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